क्या कर्नाटक की धारवाड़ में पेयजल परियोजना में एलएंडटी कंपनी की देरी से मामला दर्ज होगा?

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क्या कर्नाटक की धारवाड़ में पेयजल परियोजना में एलएंडटी कंपनी की देरी से मामला दर्ज होगा?

सारांश

धारवाड़ जिले में एलएंडटी की पेयजल परियोजना में देरी ने जनप्रतिनिधियों को चिंतित कर दिया है। क्या कंपनी को आपराधिक मामले का सामना करना पड़ेगा? जानें इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • धारवाड़ में पेयजल परियोजना में देरी
  • एलएंडटी कंपनी पर आपराधिक मामला हो सकता है
  • 25 करोड़ रुपए का जुर्माना पहले ही लगाया गया है
  • 368 गाँवों को पानी की आपूर्ति की जानी थी
  • ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान आवश्यक है

धारवाड़, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के धारवाड़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) कंपनी को पांच वर्ष पूर्व टेंडर दिया गया था। लेकिन, कंपनी ने परियोजना को समय सीमा के भीतर पूरा नहीं किया, जिसके चलते उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की योजना बनाई जा रही है।

धारवाड़ में ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ता था। इसे हल करने के लिए पांच साल पहले टेंडर निकाला गया और लार्सन एंड टूब्रो को कार्य सौंपा गया, लेकिन कंपनी ने समस्या को अनदेखा कर दिया और काम में कोई प्रगति नहीं की। इसके कारण यह मुद्दा जिले के जनप्रतिनिधियों के लिए एक बड़ी चिंता बन चुका है।

निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य न होने से अब कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। एलएंडटी को मालाप्रभा बांध से 368 गाँवों तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया था, जिसे एक वर्ष के भीतर पूरा करना था, लेकिन कंपनी ने इस कार्य में लगातार देरी की है। पहले ही 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है, फिर भी काम में कोई प्रगति नहीं हुई।

ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने और जल्दी काम करने को लेकर बेंगलुरु में एलएंडटी के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की गईं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।

इस परियोजना की देरी ने धारवाड़ जिले के विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को चिंतित कर दिया है। हाल ही में कर्नाटक विकास कार्यक्रम (केडीपी) की बैठक में अधिकारियों पर दबाव डाला गया कि वे कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें।

जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि यदि एलएंडटी इस विवाद से बचना चाहती है, तो उसे परियोजना में तेजी लानी होगी और इसे जल्द से जल्द पूरा करना होगा। यदि कंपनी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाती है, तो इसे ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की जा सकती है। इस विवाद ने एलएंडटी के कार्य मानकों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति गंभीर हो गई है।

प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा कि 25 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना में भारी देरी हो रही है और कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। यह परियोजना मालाप्रभा बांध से 368 गाँवों को पानी उपलब्ध कराने वाली थी।

Point of View

NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

एलएंडटी कंपनी पर मामला क्यों दर्ज किया जाएगा?
कंपनी ने तय समय सीमा के भीतर पेयजल परियोजना को पूरा नहीं किया है, जिसके कारण आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
इस परियोजना की लागत क्या है?
यह परियोजना 25 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई थी।
कितने गाँवों को पानी की आपूर्ति की जानी थी?
मालाप्रभा बांध से 368 गाँवों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी थी।