क्या कर्नाटक में गणेश विसर्जन हिंसा को नियंत्रण में लाया जा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- गणेश विसर्जन के दौरान नियंत्रण में स्थिति
- 21 आरोपी गिरफ्तार
- राज्य में सांप्रदायिक तनाव
- हिंसा के बावजूद कार्यक्रम जारी
- सभी समुदायों के बीच संवाद की आवश्यकता
बेंगलुरु, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मांड्या जिले के मद्दुर शहर में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान दो गुटों के बीच झड़प के कारण क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया। इस हिंसा के बाद मंगलवार सुबह से निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि मद्दुर में स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा: "हंगामा करने वालों को गिरफ्तार किया गया है और स्थिति सामान्य है। हिंसा के बावजूद गणेश विसर्जन कार्यक्रम जारी रहा। झंडा लाने के प्रयास में चाकू मारने और जुलूस में बच्चों के थूकने जैसी छोटी घटनाएं राज्यभर में हुई हैं, लेकिन सभी कुछ नियंत्रण में है।"
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में हर साल लाखों गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन बिना किसी अप्रिय घटना के किया जाता है। उन्होंने कहा, "हमें लगा था कि इस बार स्थिति को अच्छे से संभाला जा रहा है, लेकिन मद्दुर में हुई हिंसा ने हमारी चिंताओं को बढ़ा दिया।" उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील की और कहा कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी ने कहा, "एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुछ संदिग्ध बाहरी हैं, लेकिन उनकी पहचान अभी तक नहीं हुई है।"
श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा, "जब भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं, कोई भी सरकार सख्त कार्रवाई करती है। राज्य में भाजपा जो कर रही है, वह राजनीतिक लाभ के लिए है। हम इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान हमलों में वृद्धि के भाजपा के दावे पर संतोष लाड ने कहा, "क्या आपका मतलब है कि सरकार उन्हें उकसा रही है? कोई भी पार्टी हो, ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।"
कर्नाटक के मंत्री ने कहा, "कांग्रेस के 70 साल के शासन में ऐसी घटनाएं नहीं हुईं। भाजपा यदि हिंदू संस्कृति पर हमला करती है तो वह जिम्मेदार है।"
उन्होंने केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से अपील की कि जब सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हों तो जनता के व्यापक हित में बोलें।