क्या गृह लक्ष्मी योजना पर मंत्री लक्ष्मी को माफी मांगनी चाहिए? आर. अशोक ने दी चेतावनी
सारांश
Key Takeaways
- गृह लक्ष्मी योजना गरीब महिलाओं के लिए है।
- भाजपा ने माफी की मांग की है।
- आर. अशोक ने सरकार पर धोखे का आरोप लगाया है।
- बकाया किस्तें जारी नहीं की गई हैं।
- मनरेगा का नामकरण महात्मा गांधी से जोड़ा गया है।
बेलगावी (कर्नाटक), 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर द्वारा गृह लक्ष्मी योजना के संबंध में दी गई गलत जानकारी ने सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। भाजपा ने स्पष्ट किया है कि यदि वे माफी नहीं मांगती हैं, तो पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी।
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार ने गृह लक्ष्मी गारंटी योजना के तहत बकाया किस्तें जारी करने में विफलता दिखाकर गरीब महिलाओं के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी हेब्बालकर ने विधानसभा को गुमराह किया।
अशोक ने बताया कि कई जिलों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास आठ जिलों से संबंधित दस्तावेज हैं जो इस बात का प्रमाण हैं। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो भाजपा धरना प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगी।
अशोक ने कहा, "इस शीतकालीन सत्र के दौरान मंत्री लक्ष्मी ने झूठ बोला, और हमने इसका खुलासा किया है।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री हेब्बालकर पिछले तीन-चार दिनों से सदन से अनुपस्थित हैं और विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद सत्र में शामिल नहीं हुई हैं। अशोक ने कहा, "क्या वे चांद पर चली गई हैं?"
उन्होंने बताया कि सरकार ने इस योजना के तहत परिवार की महिला मुखियाओं को वादा किए गए 2,000 रुपए की फरवरी और मार्च की किस्त जारी नहीं की, जो लगभग 5,000 करोड़ रुपए की होती है।
अशोक ने कहा कि जबकि सरकार ने बाद के महीनों के लिए भुगतान जारी किया, लेकिन वह पहले के बकाया का भुगतान करने में विफल रही, जिससे लाभार्थियों के साथ धोखा हुआ। उन्होंने कहा कि मंत्री ने सदन को बताया कि सभी किस्तें जारी कर दी गई हैं, जो कि झूठ और गुमराह करने वाला था।
मंत्री से माफी की मांग करते हुए, अशोक ने कहा कि 5,000 करोड़ रुपए कोई छोटी रकम नहीं है और सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने तर्क किया कि यदि सरकार ईमानदार होती, तो उसे अप्रैल और मई के भुगतान जारी करने से पहले फरवरी और मार्च का बकाया चुका देना चाहिए था।
इस बीच, अशोक ने मनरेगा योजना के नामकरण से जुड़े केंद्र के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि महात्मा गांधी भगवान राम का सम्मान करते थे, और कल्याणकारी योजनाओं को भगवान राम से जोड़ने में कुछ भी गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा महात्मा गांधी और भगवान राम के आदर्शों का पालन करती है और इसी संदर्भ में केंद्र के फैसले का समर्थन किया।