क्या कर्नाटक लोकायुक्त ने सरकारी अफसरों के ठिकानों पर छापे मारे?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक लोकायुक्त की छापेमारी भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सरकारी अधिकारियों की संपत्तियों की जांच की जा रही है।
- इस कार्रवाई से पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलता है।
बेंगलुरु, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक लोकायुक्त ने मंगलवार को राज्य के चार जिलों में कई ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की है। यह छापेमारी उन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ की गई है, जो कथित रूप से अपनी ज्ञात आय से अधिक संपत्ति जुटाने में संलिप्त हैं।
जानकारी के अनुसार, हासन, चिक्कबल्लापुरा, चित्रदुर्ग और बेंगलुरु शहरी जिलों में यह छापे किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि हासन में एनएचएआई के कार्यकारी अभियंता, चिक्कबल्लापुरा में ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता और चित्रदुर्ग जिले के हिरियूर कस्बे में एक स्वास्थ्य अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। लोकायुक्त टीम ने इन अधिकारियों की संपत्तियों की तलाशी ली है।
इसके अतिरिक्त, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के दसरहल्ली उप-मंडल से जुड़े एक राजस्व अधिकारी और बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) मुख्यालय में तैनात बागवानी विभाग के एक वरिष्ठ सहायक निदेशक के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।
हालांकि, कर्नाटक लोकायुक्त ने इस छापेमारी के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
इससे पहले, 23 जुलाई को लोकायुक्त ने कर्नाटक की एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से संबंधित ठिकानों पर छापा मारा था। इस छापेमारी के दौरान 9 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ, जिसमें 3 साइटें, 4 मकान, 3 एकड़ कृषि भूमि, 12 लाख रुपये के आभूषण, 90 लाख रुपये के वाहन, 65 लाख रुपये के घरेलू सामान और 66,390 रुपये नकद शामिल थे।
लोकायुक्त ने 24 जून को 8 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायतों की जांच के लिए राज्य भर में 45 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान लगभग 34.90 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला। 31 मई को भी कर्नाटक लोकायुक्त ने राज्य के 7 जिलों में कई सरकारी अधिकारियों के आवासों और संपत्तियों पर एक साथ छापे मारे थे।