क्या करूर भगदड़ मामले में सीबीआई ने 306 लोगों को तलब किया?

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क्या करूर भगदड़ मामले में सीबीआई ने 306 लोगों को तलब किया?

सारांश

करूर भगदड़ मामले में सीबीआई ने 306 लोगों को तलब किया है। इस घटना में 41 लोगों की मौत हुई, जिससे तमिलनाडु में हड़कंप मच गया। जांच में प्रशासनिक और राजनीतिक सवाल खड़े हो रहे हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सीबीआई की जांच की दिशा क्या है।

Key Takeaways

  • करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई।
  • सीबीआई ने 306 लोगों को समन किया है।
  • जांच का नेतृत्व प्रवीन कुमार कर रहे हैं।
  • स्थानीय दुकानदारों और गवाहों से जानकारी ली जा रही है।
  • भविष्य में सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

चेन्नई, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। करूर में 27 सितंबर को हुई भगदड़ की घटना ने तमिलनाडु और पूरे देश को झकझोर दिया। यह घटना वेलुचमिपुरम में हुई थी, जब टीवीके नेता और अभिनेता विजय के एक बड़े कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।

भीड़ की इस विशाल संख्या के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और 41 लोगों की जान गई। इसके साथ ही 60 से अधिक लोग घायल हुए।

यह घटना न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक दु:ख का कारण बनी, बल्कि इसने राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी कई प्रश्न उठाए। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गहन जांच शुरू की है। अधिकारियों ने 306 लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

सीबीआई की टीम, जिसमें प्रवीन कुमार शामिल हैं, करूर में अस्थायी कैंप से कार्य कर रही है और जांच की गति तेज कर रही है। इस ऑपरेशन की देखरेख सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अजय रस्तोगी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजीपी) सोनल मिश्रा और सुमित सरन कर रहे हैं। जांचकर्ताओं का लक्ष्य यह समझना है कि यह हादसा क्यों हुआ और इसमें कौन से लोग या संस्थाएं लापरवाह थीं।

जांच के दौरान, सीबीआई ने घटनास्थल का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने यह भी जांचा कि कार्यक्रम स्थल की कितनी क्षमता थी और क्या आयोजकों ने सुरक्षा नियमों का पालन किया था। स्थानीय दुकानदारों और गवाहों से भी बात की गई, ताकि घटना की सटीक जानकारी मिल सके। इस सब से यह समझने की कोशिश की जा रही है कि भीड़ का नियंत्रण क्यों नहीं किया जा सका और किन व्यवस्थागत या प्रशासनिक चूक के कारण यह घटना हुई।

विशेष रूप से यह देखा जा रहा है कि कार्यक्रम की योजना बनाने और अनुमति देने वाले अधिकारियों की क्या भूमिका थी। करूर शहर के पुलिस इंस्पेक्टर मणिवन्नन से भी पूछताछ की गई, जिन्होंने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी थी। उनसे दो घंटे से अधिक समय तक सुरक्षा इंतजाम, अधिकारियों के संपर्क और आयोजकों के साथ तालमेल के बारे में सवाल किए गए।

सीबीआई ने अब तक कुल 306 लोगों को तलब किया है। इसमें मृतकों और घायलों के परिवार, कार्यक्रम में लोगों को बुलाने वाले टीवीके की थमिझागा राष्ट्रीय पेरवाई (टीआरपी) पार्टी के सदस्य और अन्य जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन सभी के बयान से जवाबदेही का पता लगाने में मदद मिलेगी।

आगे की जांच में सीबीआई चेन्नई स्थित टीवीके मुख्यालय भी जाएगी। वहां यह देखा जाएगा कि कार्यक्रम से पहले आदेश और जिम्मेदारियों का बंटवारा कैसे किया गया था। इस प्रक्रिया के दौरान, यह स्पष्ट किया जाएगा कि कार्यक्रम की तैयारी में किन स्तरों पर चूक हुई और किसकी जिम्मेदारी थी। यह कदम जांच को और गहराई देगा और घटनाक्रम के पीछे की पूरी सच्चाई सामने लाएगा।

Point of View

बल्कि यह दर्शाता है कि किस प्रकार सुरक्षा प्रबंधन में चूक हो सकती है। सीबीआई की जांच से उम्मीद है कि जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

करूर भगदड़ में कितने लोग मरे?
करूर भगदड़ में कुल 41 लोग मारे गए थे।
सीबीआई ने कितने लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है?
सीबीआई ने 306 लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया है।
इस घटना की जांच कौन कर रहा है?
इस घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।
भगदड़ की वजह क्या थी?
भगदड़ की वजह भीड़ का नियंत्रण न होना और सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी।
क्या सीबीआई आगे की जांच करेगी?
हाँ, सीबीआई चेन्नई स्थित टीवीके मुख्यालय जाकर आगे की जांच करेगी।