करूर भगदड़: क्या घायलों की सूची जारी हुई? सरकारी अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल क्यों तैनात है?

सारांश
Key Takeaways
- करूर में हुए हादसे में 41 लोग जान गंवा चुके हैं।
- घायलों की संख्या 50 है, जिनमें से 9 की स्थिति गंभीर है।
- पुलिस बल की तैनाती सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
- घटना के पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए मंत्री पहुंचेगे।
करूर, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के करूर में हुई भगदड़ के बाद, सोमवार को घटनास्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर भी पुलिस की मौजूदगी है। सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 50 लोग इलाजरत हैं, जबकि 39 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
करूर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डीन ने घायलों की एक सूची साझा की है, जिसमें सोमवार की सुबह 8 बजे तक भगदड़ में घायल 50 व्यक्तियों का इलाज जारी है।
सरकारी अस्पताल में 43 लोग इलाज ले रहे हैं, जिनमें से 9 की स्थिति गंभीर है। वहीं सरकारी और निजी अस्पतालों से कुल 39 व्यक्तियों को छुट्टी दी जा चुकी है।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एल मुरुगन के साथ भाजपा के राज्य अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन अस्पताल जाकर पीड़ितों के परिवारों से मिलेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए घटनास्थल और अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
करूर में भगदड़ की घटना के बारे में एक प्रत्यक्षदर्शी कार्तिक ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "जब विजय आए, तब भीड़ अत्यधिक बढ़ गई। लोग समुद्र की लहर की तरह एक ओर बढ़ने लगे। विजय ने कहा था कि बच्चे, गर्भवती महिलाएं और महिलाएं इस कार्यक्रम में न आएं, लेकिन कई लोगों ने उनकी बात नहीं मानी और बच्चों को भी साथ ले आए, जिससे यह हादसा हुआ।"
उन्होंने आगे बताया कि सभी सुविधाएं घटनास्थल से 500 मीटर की दूरी पर थीं, इसलिए भीड़ वहां तक नहीं पहुंच सकी। चारों ओर शोर था, लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे।
यह हादसा शनिवार शाम को हुआ, जब विजय का भाषण सुनने के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए थे। इस भगदड़ में कई लोग संकरी गलियों में फंस गए, कुछ बेहोश हो गए और कुछ कुचले गए। इस हादसे में अब तक 41 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।