क्या करूर भगदड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया।
- जस्टिस जेके माहेश्वरी ने हाईकोर्ट में गड़बड़ी की ओर इशारा किया।
- तमिलनाडु सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए।
- सीबीआई जांच का कार्य जारी है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। करूर भगदड़ मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि हाईकोर्ट में कुछ गड़बड़ी हो रही है, जिसे देखना आवश्यक है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने निर्देश दिया कि रिपोर्ट को पार्टियों के वकीलों के साथ साझा किया जाए और उनसे जवाब मांगा जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि तमिलनाडु सरकार ने भगदड़ के बाद सुबह 4 बजे पोस्टमॉर्टम कैसे किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि वे तमिलनाडु सरकार की अर्जी पर बाद में सुनवाई करेंगे, जिसमें सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 13 अक्टूबर के अंतरिम आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है।
ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी करूर भगदड़ पर मद्रास हाईकोर्ट की दो अलग-अलग बेंचों के आदेशों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने पहले तमिलनाडु में करूर भगदड़ पर हाईकोर्ट के दो आदेशों पर सवाल उठाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेन्नई में हाईकोर्ट की प्रिंसिपल बेंच केवल राज्य पुलिस अधिकारियों वाली एसआईटी बनाने का निर्देश कैसे दे सकती थी, जबकि करूर मदुरै बेंच के क्षेत्राधिकार में आता था? साथ ही, यह देखते हुए कि चेन्नई बेंच में दायर याचिका केवल राजनीतिक रैलियों के लिए एसओपी बनाने की मांग कर रही थी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने 2 दिसंबर को करूर भगदड़ मामले में सीबीआई जांच की समीक्षा शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले पुलिस की एसआईटी जांच को रोकते हुए यह मामला सीबीआई को सौंपा था और जांच की प्रत्यक्ष निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। पूर्व एसआईटी प्रमुख, आईजी पुलिस आसरा गर्ग के नेतृत्व में जांच चल रही थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थगित कर दिया गया।
सीबीआई की जांच टीम, गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीन कुमार के नेतृत्व में, कई दिनों से करूर में तैनात है। अधिकारी भीड़ के आने-जाने के वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, सुरक्षाकर्मियों की रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर घटनाक्रम को मिनट-टू-मिनट पुनर्निर्माण करने में जुटे हैं।