क्या करूर भगदड़ मामले की जांच के लिए एसआईटी घटनास्थल का दौरा करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- एसआईटी का गठन मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ।
- 27 सितंबर को हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान गई।
- गवाहों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
- फरार संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
- हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा मामले दर्ज करने पर सवाल उठाए।
चेन्नई, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। करूर भगदड़ मामले की जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जो जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगा। इस एसआईटी का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी असरा गर्ग कर रहे हैं। 27 सितंबर को हुई इस घटना में 41 लोगों की जान चली गई थी।
जानकारी के अनुसार, एसआईटी को शनिवार को करूर पुलिस से केस फाइलें मिलने की संभावना है। इसके बाद, एसआईटी घटनास्थल पर जाएगी और गवाहों को पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस टीम में आईजी असरा गर्ग के अलावा नमक्कल की पुलिस अधीक्षक विमला और सीएससीआईडी पुलिस अधीक्षक श्यामला देवी भी शामिल हैं।
इसी बीच, भगदड़ मामले में फरार संदिग्धों, आनंद और निर्मल कुमार की सक्रियता से तलाश की जा रही है।
इससे पहले, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के नेताओं और अभिनेता से नेता बने विजय की रैली के आयोजकों को जनता और बच्चों को बचाने में विफल रहने और घटना की जिम्मेदारी न लेने के लिए फटकार लगाई। अदालत ने कहा, "चाहे वे नेता हों या पार्टी कार्यकर्ता, इस घटना के बाद, जबकि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सभी राजनीतिक दलों ने दुख व्यक्त किया, कार्यक्रम के आयोजक पूरी तरह से पीछे हट गए।"
एसआईटी का गठन करते हुए न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार ने करूर पुलिस को भगदड़ से संबंधित सभी दस्तावेज तुरंत जांच टीम को सौंपने का निर्देश दिया।
इसी से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने टीवीके महासचिव बुस्सी आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
हाईकोर्ट ने इस दुर्घटना पर स्वत: संज्ञान लिया और तमिलनाडु पुलिस से पूछा, "क्या इस संबंध में कोई मामला दर्ज किया गया है?" कथित दुर्घटना के वीडियो सामने आने की पृष्ठभूमि में अदालत ने कहा, "मामला दर्ज करने से क्या रोकता है? अगर कोई शिकायत नहीं भी दी गई है, तो भी पुलिस को एक शिकायत दर्ज करनी ही होगी।"