क्या चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत का कॉफी निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का कॉफी निर्यात बढ़कर 1.05 अरब डॉलर हुआ।
- निर्यातकों को प्रति यूनिट आय में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- भारत कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक है।
- कॉफी बोर्ड ने इनोवेशन पर जोर दिया।
- भारतीय कॉफी का शिपमेंट 24 प्रतिशत बढ़ा।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में भारत का कॉफी निर्यात मूल्य के मामले में 15 प्रतिशत बढ़कर 1.05 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में देश से 91.8 करोड़ डॉलर का कॉफी निर्यात हुआ था।
रुपए में, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में कॉफी निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 9,119.24 करोड़ रुपए हो गया, जो एक वर्ष पहले 7,678.74 करोड़ रुपए था।
इसके अतिरिक्त, निर्यातकों को प्रति यूनिट प्राप्त आय 34 प्रतिशत बढ़कर 4.71 लाख रुपए प्रति टन हो गई, जो एक वर्ष पहले 3.52 लाख रुपए प्रति टन थी।
इस वित्त वर्ष की छमाही में भारतीय कॉफी का शिपमेंट 24 प्रतिशत बढ़कर 1.95 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष 1.57 अरब डॉलर था।
इस वर्ष जनवरी से सितंबर की अवधि में यह मात्रा 2.96 लाख टन (3.34 लाख टन) थी।
भारत कॉफी का सातवां सबसे बड़ा उत्पादक और पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है।
इस बीच, 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस के अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इंडिया-ईएफटीए प्रोस्पेरिटी समिट के साइडलाइन में भारतीय कॉफी के विभिन्न स्वादों का आनंद लेते हुए नजर आए।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस पर, मुझे इंडिया-ईएफटीए प्रोस्पेरिटी समिट के दौरान हमारी भारतीय कॉफी के विभिन्न स्वादों का आनंद लेने का अवसर मिला।"
उन्होंने आगे कहा कि इसकी समृद्ध सुगंध और स्वाद का कोई मुकाबला नहीं है, यह इस बात की याद दिलाता है कि हमारी देसी कॉफी कितनी खास है। हम अपने कॉफी उत्पादकों की सफलता और इस क्षेत्र के निरंतर विकास की कामना करते हैं।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस के अवसर पर कॉफी बोर्ड द्वारा आयोजित कॉफी एक्सपीरियंस जोन और एक्सपो का उद्घाटन किया।
उन्होंने बताया कि भारतीय कॉफी सस्टेनेबल है और इसे जंगलों के साथ उगाया जाता है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत से कॉफी का निर्यात दोगुना हो गया है।
अग्रवाल ने कॉफी की खेती के क्षेत्र में अधिक विविधीकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने निरंतर इनोवेशन और मूल्यवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि मसालों की भूमि होने के नाते, भारत में कॉफी के क्षेत्र में इनोवेशन के अपार अवसर हैं।