क्या कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार निंदनीय नहीं है? : ओम प्रकाश राजभर

सारांश
Key Takeaways
- कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार की घटना ने सियासी हलचल को जन्म दिया।
- ओम प्रकाश राजभर ने इसे निंदनीय बताया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- जातिसूचक टिप्पणियों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है।
- अबू आजमी के विवादित बयान पर भी चर्चा हुई।
- कांग्रेस को गंभीरता से देश के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
लखनऊ 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के इटावा में एक कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार की हम कड़ी निंदा करते हैं। इस तरह की घटनाएँ समाज में नकारात्मक संदेश देती हैं; ऐसी घटनाएँ समाज में बुराई का कारण बनती हैं। सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
वास्तव में, इटावा के थाना बकेवर क्षेत्र के दान्दरपुर गांव में कथावाचक और उनकी टीम के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जातिसूचक टिप्पणी और कहासुनी के बाद ग्रामीणों ने कथावाचक और उनकी टीम के सदस्यों को घेरकर पहले उनके बाल कटवाए और फिर नाक भी रगड़वाई।
इसके अलावा, राजभर ने अबू आजमी पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अबू आजमी को अपने समुदाय की बेहतरी के लिए सोचना चाहिए, और यह देखना चाहिए कि शांति और शिक्षा कैसे बेहतर हो सकती है। ये लोग हमेशा हिंदू-मुसलमान की बात करते हैं, लेकिन इंसानियत की बात क्यों नहीं करते?
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सपा विधायक अबू आजमी ने पंढरपुर वारी की पालकी यात्रा को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि वारी के कारण ट्रैफिक जाम होता है।
कांग्रेस के भारत सरकार से ईरान-इजरायल संघर्ष पर कूटनीति स्पष्ट करने की मांग पर राजभर ने कहा कि कांग्रेस को देश के विषय में गंभीरता से सोचना चाहिए, केवल भाषण देने से कुछ नहीं होगा। उन्हें इस मामले में प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए।