क्या देश में नई श्रम संहिताएं लागू होने पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने श्रमिकों को शुभकामनाएं दी हैं?
सारांश
Key Takeaways
- नई श्रम संहिताएं श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारेंगी।
- सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा सभी कामगारों को।
- महिला श्रमिकों को समान अवसर की गारंटी।
- नियोक्ताओं के लिए समय पर वेतन देना अनिवार्य।
- गिग श्रमिकों को कानूनी पहचान मिलेगी।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चार श्रम संहिताओं की घोषणा की है, जिसमें वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता 2020 शामिल हैं। ये संहिताएं 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू की जा रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन नए श्रम संहिताओं के लागू होने पर सभी श्रमिकों को शुभकामनाएं दी हैं।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि देश के सभी श्रमिकों को नई श्रम संहिताओं के लागू होने की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार की गई ये संहिताएं श्रम कानूनों के इतिहास में सबसे बड़ा सं改革 मानी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि ये संहिताएं श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, महिला श्रमिकों को समान अवसर की गारंटी और गिग तथा असंगठित श्रमिकों को कानूनी पहचान प्रदान करेंगी, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके साथ ही, ये भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
बता दें कि श्रम सुधारों के अंतर्गत सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य किया गया है। कामगारों को पारदर्शिता, रोजगार गारंटी और पक्का रोजगार मिलेगा। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के तहत गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों को भी सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान किया जाएगा। सभी कामगारों को पीएफ, ईएसआईसी, बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध होंगे।
वेतन संहिता 2019 के अनुसार, सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का कानूनी अधिकार होगा। नियोक्ताओं को 40 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच करानी होगी।
सरकार ने नियोक्ताओं के लिए समय पर वेतन देना अनिवार्य किया है। महिलाओं को सभी कार्यों में काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते उनकी सहमति हो और सुरक्षा उपाय किए गए हों। नए सुधारों के साथ ईएसआईसी कवरेज और इसके लाभों का विस्तार किया गया है। 10 से कम कर्मचारियों वाली जगहों पर यह स्वैच्छिक है, जबकि खतरनाक कामों में लगे स्थानों के लिए अनिवार्य है।
नए सुधारों में अनुपालन का बोझ कम करने के लिए सिंगल रजिस्ट्रेशन, पैन-इंडिया सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न का प्रावधान किया गया है।