क्या केंद्र ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेट स्कीम के तहत 7,712 करोड़ रुपए की 17 परियोजनाओं के दूसरे चरण को मंजूरी दी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन क्षमता में वृद्धि
- 249 में से 17 एप्लीकेशनों को मंजूरी
- जम्मू-कश्मीर से पहला निवेश
- 17 परियोजनाओं में 7,712 करोड़ का निवेश
- स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा
17 नवंबर, नई दिल्ली (राष्ट्र प्रेस)। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने सोमवार को जानकारी दी कि केंद्र ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 7,712 करोड़ रुपए की 17 परियोजनाओं के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली में ईसीएमएस की सफलता से जुड़े एक इवेंट में कृष्णन ने बताया कि सरकार ने मौजूदा राउंड के तहत 249 में से 17 एप्लीकेशन को अप्रूव किया है।
उन्होंने कहा, "हमारा प्राथमिक उद्देश्य भारत में वैल्यू चेन को मजबूत बनाना है। ग्लोबल कंपनियां वैल्यू चेन के डायवर्सिफिकेशन पर विचार कर रही हैं, और भारत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भागीदार हो सकता है।"
खास बात यह है कि एप्लीकेशन के मौजूदा चरण में जम्मू-कश्मीर से पहला निवेश प्राप्त हुआ है, जबकि अन्य स्थानों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसी कंपनियां शामिल हैं।
इन 17 एप्लीकेशनों में से 10 में 1,500 करोड़ रुपए का संचयी निवेश और 7,669 करोड़ रुपए का उत्पादन एक्वस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है।
इसके बाद 612 करोड़ रुपए के निवेश के साथ सिक्योर सर्किट्स; टीई कनेक्टिविटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड; 957 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जेबिल सर्किट प्राइवेट लिमिटेड; 55 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जेटफैब; जेटकेम; 54 करोड़ रुपए के निवेश के साथ माइक्रोपैक प्राइवेट; 264 करोड़ रुपए के निवेश के साथ असुक्स सेफ्टी कंपोनेंट्स; यूनो मिंडा; 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ एटीएंडएस इंडिया; एचआई-क्यू; इन्फोपावर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड; 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ सिरमा मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड और 111 करोड़ रुपए के निवेश के साथ जम्मू-कश्मीर स्थित मीना इलेक्ट्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सफलता को हासिल करने के लिए हमें अपनी डिजाइन टीम को मजबूत बनाना होगा। इसके लिए जितनी मेहनत करनी पड़े, हमें करनी होगी। इसके अलावा, हमारा ध्यान हर प्रोडक्ट को सिक्स सिग्मा क्वालिटी पर बनाने के लिए होना चाहिए। साथ ही, हमें भारतीय सप्लायर्स को बनाने पर ध्यान देना चाहिए।"
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अश्विनी ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत 5,532 करोड़ रुपए की 7 परियोजनाओं के पहले चरण को अक्टूबर के अंत में मंजूरी दिए जाने की घोषणा की थी।