क्या केंद्र ने यूपीआई पेमेंट पर लेनदेन शुल्क लगाने का प्रस्ताव वापस लिया?

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क्या केंद्र ने यूपीआई पेमेंट पर लेनदेन शुल्क लगाने का प्रस्ताव वापस लिया?

सारांश

केंद्र सरकार ने यूपीआई पेमेंट पर लेनदेन शुल्क लगाने का प्रस्ताव न होने का आश्वासन दिया है। यूपीआई का विकास और प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार ने 8,730 करोड़ रुपए का समर्थन दिया है। यूपीआई ट्रांजैक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ, डिजिटल भुगतान का भविष्य उज्ज्वल है।

Key Takeaways

  • यूपीआई पर कोई लेनदेन शुल्क नहीं होगा।
  • सार्वजनिक प्रोत्साहन योजना से 8,730 करोड़ रुपए का समर्थन दिया गया है।
  • यूपीआई ट्रांजैक्शन में 114% की वृद्धि दर्ज की गई है।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आधारित डिजिटल लेनदेन पर किसी भी प्रकार का लेनदेन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

यूपीआई ट्रांजैक्शन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा संचालित होते हैं और इसके 30 अगस्त 2019 के सर्कुलर के अनुसार, अधिग्रहण करने वाले बैंकों को ट्रांजैक्शन वैल्यू का 0.30 प्रतिशत मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) वसूलने की अनुमति दी गई थी।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया, "हालांकि, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धारा 10A में यह प्रावधान है कि कोई भी बैंक या सिस्टम प्रदाता आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा।"

इस प्रकार, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम, 1961 के तहत यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड को निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान तरीकों के रूप में अधिसूचित किया।

सरकार ने यूपीआई सेवाओं की निरंतरता के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की थी, जो वित्त वर्ष 2021-2022 से 2024-25 तक प्रभावी रहेगी।

राज्य मंत्री ने जानकारी दी, "इस अवधि के दौरान, सरकार ने लगभग 8,730 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन समर्थन प्रदान किया है।"

यूपीआई ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 2017-18 में 92 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 114 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ 18,587 करोड़ तक पहुँच गया। इस अवधि के दौरान, ट्रांजैक्शन वैल्यू 1.10 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गई।

सरकार के अनुसार, जुलाई 2025 में यूपीआई ने एक नई उपलब्धि हासिल की, जब पहली बार एक ही महीने में 1,946.79 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए।

डिजिटल भुगतान लेनदेन की कुल मात्रा वित्त वर्ष 2017-18 के 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 22,831 करोड़ हो गई है, जो 41 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ रही है। इस अवधि के दौरान, ट्रांजैक्शन वैल्यू 1,962 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3,509 लाख करोड़ रुपए हो गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार का यह कदम यूपीआई के विकास को प्रोत्साहित करेगा। डिजिटल भुगतान की दिशा में भारत का यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या यूपीआई पर लेनदेन शुल्क लगेगा?
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यूपीआई पर लेनदेन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
यूपीआई ट्रांजैक्शन में क्या वृद्धि हुई है?
वित्त वर्ष 2017-18 में यूपीआई ट्रांजैक्शन 92 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 18,587 करोड़ तक पहुँच गया है।
सरकार ने यूपीआई को प्रोत्साहित करने के लिए क्या किया है?
सरकार ने यूपीआई सेवाओं की निरंतरता के लिए वित्त वर्ष 2021-2022 से 2024-25 तक प्रोत्साहन योजना लागू की है।