क्या केंद्र सरकार के मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर पहल से जम्मू-राजौरी-पुंछ हाईवे का कायापलट हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार की नई इंफ्रास्ट्रक्चर पहल
- जम्मू-राजौरी-पुंछ हाईवे का कायापलट
- यात्रा का समय घटकर पांच घंटे
- स्थानीय विकास और सुरक्षा में सुधार
- बीआरओ की कड़ी मेहनत
राजौरी, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के तहत जम्मू-राजौरी-पुंछ हाईवे एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जहां विकास कार्य अभूतपूर्व गति से हो रहे हैं। राजौरी के मंजाकोट क्षेत्र में बाईपास सड़कों, भव्य पुलों, डबल-लेन हाईवे और सुरंगों का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए का बजट आवंटित किया है।
दशकों तक संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण राजौरी खराब सड़क संपर्क के चलते अलग-थलग पड़ा रहा, जिससे स्थानीय निवासियों को लंबी और थका देने वाली यात्राएं करनी पड़ती थीं। हालांकि, वर्तमान में परियोजनाओं के पूरा होने के नजदीक पहुँचने के साथ, जम्मू से पुंछ की यात्रा का समय लगभग पांच घंटे रह जाएगा, जो पहले 8-10 घंटे का था।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कभी इस क्षेत्र में ऐसे आधुनिक सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर की कल्पना नहीं की थी। बेसिक लिंक सड़कों के लिए संघर्ष करने से लेकर अब विश्वस्तरीय पुलों और डबल-लेन हाईवे को देखने तक, इस परिवर्तन को क्रांतिकारी बताया जा रहा है। लोगों ने सीमावर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता देने और क्षेत्र में विकास, सुरक्षा और समृद्धि की नींव रखने के लिए केंद्र सरकार के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया है।
एक स्थानीय युवक ने कहा कि मंझाकोट में नया पुल तेजी से बनाया जा रहा है। आवश्यकतानुसार कर्मचारी काम में लगे हुए हैं और उन्हें उसी हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। बीआरओ (बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन) के काम की सराहना करते हुए स्थानीय युवक ने कहा कि बीआरओ की टीमें कड़ी मेहनत कर रही हैं और रास्तों को बनाने में जुटी हुई हैं। कोई नहीं सोच सकता था कि कठिन क्षेत्रों से रास्ता निकाला जाएगा, लेकिन आज यह सब संभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम इस पहल के लिए नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं। यह सीमावर्ती इलाके और स्थानीय समुदायों के लिए एक बहुत बड़ा विकास है।