क्या केंद्र गुणवत्तापूर्ण डेटा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है?

Click to start listening
क्या केंद्र गुणवत्तापूर्ण डेटा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है?

सारांश

केंद्र सरकार ने डिजिटल परिवर्तन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है, जिससे 2047 तक विकसित भारत की दिशा में नीति निर्माण में समय पर और गुणवत्तापूर्ण डेटा उपलब्ध होगा। यह पहल डेटा की सुलभता और पारदर्शिता को बढ़ाने का वादा करती है। जानें इसके पीछे की रणनीतियाँ और भविष्य की योजनाएँ।

Key Takeaways

  • 2047 तक विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
  • गुणवत्तापूर्ण डेटा के लिए डिजिटल परिवर्तन की प्रक्रिया।
  • सार्वजनिक डैशबोर्ड के माध्यम से डेटा की सुलभता।
  • डिजिटल संपत्तियों का शुभारंभ पारदर्शिता को बढ़ाता है।
  • उभरती तकनीक का उपयोग करते हुए सांख्यिकीय संचालन में सुधार।

नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने शनिवार को यह घोषणा की कि वह 2047 तक विकसित भारत बनने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए नीति निर्माण के लिए हमेशा समय पर और गुणवत्तापूर्ण डेटा उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

यह डिजिटल परिवर्तन डेटा-ड्रिवन न्यू इंडिया की आवश्यकताओं के अनुरूप आधिकारिक आंकड़ों को समय पर, विश्वसनीय और सुलभ बनाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हमारा लक्ष्य प्रत्येक नागरिक, शोधकर्ता और नीति निर्माता को गुणवत्तापूर्ण डेटा के साथ सशक्त बनाना है, जो 2047 तक भारत के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों का समर्थन करता है।"

मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने पिछले एक वर्ष में अपनी व्यापक डिजिटल परिवर्तन यात्रा को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है।

29 जून, 2024 को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर ई-सांख्यिकी पोर्टल के लॉन्च के बाद, एक दर्जन से अधिक नए डिजिटल मॉड्यूल, पोर्टल और वेबसाइटों की सफल तैनाती ने इस दिशा में गति बनाए रखी है।

पिछले वर्ष कई महत्वपूर्ण डिजिटल संपत्तियों का शुभारंभ किया गया है, जो पारदर्शिता को बढ़ाते हैं और शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और जनता के लिए डेटा की पहुंच में सुधार करते हैं।

इन विकासों में डेटा इनोवेशन लैब (डीआई लैब), ओसीएमएस, मेटाडेटा पोर्टल और नेशनल स्टेटिस्टिकल सिस्टम ट्रेनिंग एकेडमी (एनएसएसटीए) और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के लिए नई डेडिकेटेड वेबसाइट शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, एनएसओ ने ई-सांख्यिकी पोर्टल के हिस्से के रूप में सामाजिक सांख्यिकी प्रभाग (एसएसडी), उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई), आर्थिक जनगणना (ईसी) और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) सहित महत्वपूर्ण सांख्यिकीय डोमेन के लिए सार्वजनिक डैशबोर्ड पेश किए हैं, जो हितधारकों को भारत के आधिकारिक आंकड़ों तक वास्तविक समय में पहुंच प्रदान करते हैं।

इन अतिरिक्त सुविधाओं के साथ, इस पोर्टल में 135 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड हैं।

इनोवेशन और भविष्य की तैयारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए मंत्रालय ने अपने सांख्यिकीय संचालन में उभरती तकनीक को इंटीग्रेट करने के लिए सात प्रमुख उपयोग मामलों की पहचान की है।

डिजिटल इकोसिस्टम के विस्तार के साथ मंत्रालय ने अपनी राष्ट्रीय डेटा परिसंपत्तियों को सुरक्षित करने को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

Point of View

जो गुणवत्तापूर्ण डेटा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, न केवल नीति निर्माण में मदद करेगी बल्कि नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह कदम एक डिजिटल भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो विकास और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

केंद्र सरकार का डिजिटल परिवर्तन प्रक्रिया का लक्ष्य क्या है?
केंद्र सरकार का लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए नीति निर्माण में समय पर और गुणवत्तापूर्ण डेटा उपलब्ध कराना है।
डिजिटल परिवर्तन का क्या महत्व है?
डिजिटल परिवर्तन डेटा की सुलभता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है, जिससे नीति निर्माण में सुधार होता है।
ई-सांख्यिकी पोर्टल का क्या उद्देश्य है?
ई-सांख्यिकी पोर्टल का उद्देश्य भारत के आधिकारिक आंकड़ों तक वास्तविक समय में पहुंच प्रदान करना है।
क्या नए डिजिटल मॉड्यूल का लाभ होगा?
हां, नए डिजिटल मॉड्यूल पारदर्शिता को बढ़ाते हैं और डेटा की पहुंच को सुधारते हैं।
कौन-कौन सी प्रमुख डिजिटल संपत्तियाँ शुरू की गई हैं?
डेटा इनोवेशन लैब, ओसीएमएस, और मेटाडेटा पोर्टल जैसी प्रमुख डिजिटल संपत्तियाँ शुरू की गई हैं।