क्या केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर दोपहिया वाहनों से यूजर फीस वसूलने की रिपोर्ट्स को फर्जी बताया?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने दोपहिया वाहनों से टोल फीस लेने की खबरों का खंडन किया।
- टोल प्लाजा पर शुल्क केवल चार या अधिक पहिया वाहनों से लिया जाता है।
- फास्टैग द्वारा वार्षिक टोल पास का उपयोग किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे पर स्थित टोल प्लाजा पर दोपहिया वाहनों से किसी प्रकार की कोई यूजर फीस नहीं ली जाती है।
यह स्पष्टीकरण उन खबरों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल प्लाजा पर दोपहिया वाहन चालकों से यूजर फीस वसूलने की योजना बना रहा है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि टोल प्लाजा पर दोपहिया वाहनों से टोल वसूली के संबंध में सोशल मीडिया पर फैलाई गई खबरें झूठी हैं और एनएचएआई ने स्पष्ट किया है कि देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा दोपहिया वाहनों से किसी प्रकार की यूजर फीस नहीं लेता।
मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूजर फीस राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के अनुसार वसूला जाता है और दोपहिया वाहनों से टोल शुल्क वसूलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इन नियमों के तहत, टोल प्लाजा पर यूजर फीस केवल चार या अधिक पहिया वाहनों से लिया जाता है, जैसे कि कार, जीप, वैन, हल्के मोटर वाहन, हल्के माल वाहन, मिनी बस, ट्रक और भारी निर्माण मशीनरी जैसे वाहन।
इससे पहले एनएचएआई ने बताया था कि उसने 15 अगस्त के बाद केवल चार दिनों में 5 लाख से अधिक फास्टैग-आधारित वार्षिक टोल परमिट बेचे हैं, जिससे 150 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
एक बयान में एनएचएआई ने कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में टोल प्लाजा पर फास्टैग वार्षिक पास के जरिए सबसे अधिक लेन-देन हुए।
निजी वाहन अब राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से मुफ्त आवाजाही के लिए वार्षिक टोल पास का उपयोग कर सकते हैं, जिसकी कीमत 3,000 रुपए है।