क्या केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को 350 करोड़ की पहली किस्त मंजूर की?

सारांश
Key Takeaways
- 350 करोड़ रुपये की पहली किस्त मंजूर।
- ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क मजबूत होगा।
- सुदूर क्षेत्रों के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कदम ग्रामीण विकास में।
- आर्थिक सशक्तिकरण के लिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत, केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण सौगात प्रदान की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, उत्तराखंड के लिए पीएमजीएसवाई के तहत केंद्रीय सहायता के रूप में बुधवार को 350 करोड़ रुपए की पहली किस्त स्वीकृत की गई है।
आधिकारिक आदेश के अनुसार, इसमें 342 करोड़ रुपए कार्यक्रम फंड और 8 करोड़ रुपए प्रशासनिक फंड के तहत आवंटित किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए उत्तराखंड को कुल 702.63 करोड़ की सहायता स्वीकृत की थी। नवीनतम किस्त के साथ, राज्य को अब तक लगभग 640 करोड़ मिल चुके हैं, जबकि 62.76 करोड़ की राशि अभी भी जारी की जानी बाकी है।
केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि निधियों का शीघ्र और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सभी सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) खातों को बंद कर शेष राशि वापस की जाए।
इस राशि का उपयोग उत्तराखंड में ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों के निवासियों को स्कूल, अस्पताल और बाजारों तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी। यह कदम ग्रामीण विकास में तेजी लाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क को बेहतर बनाना है। इसे वर्ष 2000 में शुरू किया गया था ताकि ग्रामीण भारत के उन गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा सके जो अब तक सड़क सुविधाओं से वंचित थे। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।
इस योजना का कई चरणों में विस्तार किया गया है। पीएमजीएसवाई के तहत, 13 अगस्त 2025 तक, नई और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए कुल 8,38,592 किलोमीटर सड़क का निर्माण स्वीकृत किया गया है। इनमें से 7,83,795 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है।
पीएमजीएसवाई-III के तहत अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 6.96 लाख सुविधाएं जोड़ी जा चुकी हैं। इनमें 1.38 लाख ग्रामीण कृषि बाजार, 1.46 लाख शैक्षणिक केंद्र, 82,000 चिकित्सा केंद्र, और 3.28 लाख परिवहन एवं अन्य बुनियादी सुविधा केंद्र शामिल हैं।