क्या केरल में कानून व्यवस्था चरमरा गई है? मुख्यमंत्री विजयन को 'शुतुरमुर्ग' सरीखा रवैया छोड़ना होगा?

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क्या केरल में कानून व्यवस्था चरमरा गई है? मुख्यमंत्री विजयन को 'शुतुरमुर्ग' सरीखा रवैया छोड़ना होगा?

सारांश

तिरुवनंतपुरम में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर तीखा हमला किया, उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को चिंताजनक बताया। क्या विजयन का रवैया केरल के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है? जानिए पूरी रिपोर्ट।

Key Takeaways

  • कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
  • पुलिस हिरासत में यातना एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है।
  • मुख्यमंत्री का रवैया विपक्ष के लिए एक मुद्दा है।
  • घोटालों की जांच में धीमी प्रगति चिंता का विषय है।
  • लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जनता का विश्वास बनाए रखना आवश्यक है。

तिरुवनंतपुरम, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने शनिवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर तीखा निशाना साधा। राज्य की कानून व्यवस्था को बेहद चिंताजनक बताते हुए उन्होंने पुलिस की हिरासत में होने वाली यातनाओं का मुद्दा उठाया। सतीशन ने सीएम पर भ्रष्टाचार और घोटालों को दरकिनार करके “शुतुरमुर्ग जैसा रवैया” अपनाने का आरोप लगाया।

उन्होंने हाल की कई घटनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा, “पुलिस अब खौफ का एक माध्यम बन गई है, जो जनता की रक्षा करने के बजाय सत्ताधारी दल के वफादारों की तरह काम कर रही है।”

सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री, जो गृह मंत्री भी हैं, का मौन “एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए अनुचित” है।

नेता प्रतिपक्ष ने चेतावनी दी कि सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विपक्ष अपनी बातों को मुखर तरीके से उठाएगा। उन्होंने दावा किया, “यह इस सरकार के अंत की शुरुआत है।” बोले, “क्रूरता और भ्रष्टाचार की लगातार आ रही रिपोर्टों को नजरअंदाज करके, विजयन ने जनता का विश्वास कम किया है और केरल के लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर किया है। इस सरकार का अंत नजदीक है।”

उन्होंने केरल छात्र संघ (केएसयू) के कार्यकर्ताओं के साथ हुए बर्ताव का उल्लेख किया, जिन्हें हाल ही में सिर ढके और हाथों में बेड़ियां डालकर अदालत में पेश किया गया था। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए कलंक बताते हुए पूछा, “क्या वे आतंकवादी हैं या खूंखार अपराधी?”

सतीशन की यह टिप्पणी माकपा की युवा शाखा में बढ़ते असंतोष के बीच आई है।

उन्होंने कहा, “डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के त्रिशूर जिला सचिव ने हाल ही में आरोप लगाया कि जिला नेता ‘लुटेरे गिरोह’ बन गए हैं, जो संदिग्ध सौदों से मुनाफा कमा रहे हैं और पुलिस पोस्टिंग में कमीशन के लिए दखल दे रहे हैं।”

करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाला, जिसमें जमाकर्ताओं को 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, भी सरकार के लिए चिंता का विषय है। जिन परिवारों ने सर्जरी, शादियों और घरों के लिए पैसे बचाए थे, वे अब कठिनाई में हैं।

सतीशन ने आगे कहा कि घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय की जांच को जानबूझकर धीमा कर दिया गया है, जबकि पीड़ित राहत का इंतजार कर रहे हैं।

इस बीच, एक अन्य डीवाईएफआई कार्यकर्ता के परिवार ने पुलिस पर उसे झूठे मामले में फंसाने और हिरासत में यातना देकर मार डालने का आरोप लगाया है—इसने संकट को और बढ़ा दिया है।

Point of View

विपक्ष की चिंताएँ और आरोप मुख्यमंत्री विजयन पर बढ़ते दबाव का संकेत हैं। यह स्पष्ट है कि केरल की कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जनता के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा की जाए।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या पुलिस की हिरासत में यातना की घटनाएं बढ़ रही हैं?
हां, विपक्ष का आरोप है कि पुलिस की हिरासत में यातनाएं बढ़ रही हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।
मुख्यमंत्री विजयन का रवैया क्या है?
विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री विजयन 'शुतुरमुर्ग' जैसा रवैया अपनाते हुए भ्रष्टाचार और घोटालों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
क्या विधानसभा सत्र में विपक्ष अपनी बात रखेगा?
हां, सतीशन ने चेतावनी दी है कि विपक्ष विधानसभा सत्र में अपनी बात को मुखर तरीके से उठाएगा।