क्या केरल के 600 से अधिक स्थानीय निकायों में भाजपा की जीत लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है?
सारांश
Key Takeaways
- राजीव चंद्रशेखर ने भाजपा की जीत को लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक माना है।
- केरल में 600 से अधिक स्थानीय निकायों में भाजपा के पार्षदों ने शपथ ली।
- जनता ने विकास और पारदर्शिता की राजनीति को प्राथमिकता दी है।
- मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भाजपा को कमजोर करने के लिए प्रयास किए।
- भाजपा की स्थानीय स्तर पर बढ़ती ताकत का संकेत है कि राजनीतिक माहौल बदल रहा है।
तिरुवनंतपुरम, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि तिरुवनंतपुरम में एक नया इतिहास रचा जा रहा है, जहां राज्य के लगभग 600 स्थानीय निकायों में भाजपा के पार्षदों ने शपथ ली है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में उल्लेख किया कि यह जीत जनता की ताकत और लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भाजपा को कमजोर करने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन जनता की इच्छा के आगे ये सभी प्रयास विफल रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के वार्डों को तोड़ने के लिए कथित तौर पर धोखाधड़ी पूर्ण परिसीमन किया गया और कांग्रेस के उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर भाजपा के वोट को बांटने की रणनीति अपनाई गई।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी तिरुवनंतपुरम सीट पर इसी प्रकार की रणनीति अपनाई गई थी, लेकिन जनता ने इस बार भी सच्चाई को समझ लिया और इन सभी प्रयासों को नकार दिया।
उन्होंने कहा कि यह परिणाम साफ तौर पर दिखाता है कि जनता अब विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही की राजनीति चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा को स्थानीय स्तर पर जो समर्थन मिला है, वह केरल में बदलते राजनीतिक माहौल का संकेत है।
अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने 'विकसित केरल' की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि अब समय है कि केरल विकास, सुशासन और जनकल्याण के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़े।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि स्थानीय निकायों में पार्टी की मजबूत मौजूदगी आने वाले समय में केरल की राजनीति की दिशा बदल सकती है।