क्या केरल में कांग्रेस सांसद और यूडीएफ कार्यकर्ता पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस से घायल हुए?

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क्या केरल में कांग्रेस सांसद और यूडीएफ कार्यकर्ता पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस से घायल हुए?

सारांश

केरल के पेराम्बरा में कांग्रेस के सांसद और यूडीएफ कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस के इस्तेमाल से कई लोग घायल हो गए हैं। यह घटना कॉलेज चुनावों के चलते हुई तनाव का परिणाम है। जानें इस मामले में और क्या कुछ हुआ।

Key Takeaways

  • राजनीतिक तनाव के कारण हिंसा बढ़ रही है।
  • पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ सकते हैं.
  • छात्र राजनीति में दखल बढ़ रहा है।
  • गवर्नेंस की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • सामाजिक अस्थिरता का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है।

कोझिकोड, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के पेराम्बरा में शुक्रवार शाम को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और सीपीआई-एम के कार्यकर्ताओं के बीच एक हिंसक झड़प हुई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया।

इस घटना में कांग्रेस सांसद शफी परम्बिल, कोझिकोड डीसीसी अध्यक्ष प्रवीण कुमार और कई अन्य यूडीएफ कार्यकर्ता घायल हुए। झड़प के दौरान डीएसपी हरिप्रसाद भी चोटिल हो गए।

यह हिंसा सीकेजी कॉलेज यूनियन चुनाव से जुड़े तनाव के कारण हुई, जहां पहले दिन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) के बीच विवाद हुआ था।

यूडीएफ और सीपीआई-एम समर्थकों के विरोध मार्च के दौरान अशांति का माहौल शहर के केंद्र तक फैल गया।

जैसे ही तनाव बढ़ा, प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच पथराव और हाथापाई शुरू हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।

परम्बिल ने कहा, "पुलिस को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला करके बच निकलेंगे।"

विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि परम्बिल पर हमला माकपा के अपराधियों और पार्टी के गुंडों के तौर पर काम कर रहे पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया।

सतीशन ने कहा कि यह उस सरकार का परिणाम है जो सोने की तस्करी, सोने की चोरी और खजाने की लूट को बढ़ावा देती है। पुलिस में बैठे अपराधियों ने माकपा के पक्ष में लाठियां चलाईं, जिनका वेतन एकेजी सेंटर से नहीं मिल रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले कर सबरीमाला सोने की लूट से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता। पेरम्बरा सीकेजी कॉलेज यूनियन चुनाव में आपकी हार तो बस शुरुआत है। इससे भी बड़ी हार आपका इंतजार कर रही है।

पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस विधायक तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने हिंसा फैलाने के लिए माकपा की निंदा की और कहा कि पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार दो आगामी चुनावों के साथ गलत दिशा में जा रही है।

Point of View

यह घटना राजनीतिक तनाव और छात्र राजनीति के प्रभाव को दर्शाती है। सरकार को इस स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि युवा पीढ़ी में विश्वास बहाल हो सके। हमें घटनाक्रमों का गहराई से विश्लेषण करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान हो।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या इस घटना में पुलिस की कार्रवाई उचित थी?
पुलिस की कार्रवाई का उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है, लेकिन इसे उचित और संतुलित तरीके से किया जाना चाहिए।
क्या यह घटना चुनावी हिंसा का संकेत है?
यह घटना चुनावों के दौरान बढ़ते तनाव और राजनीतिक अस्थिरता का संकेत देती है।