क्या केरल में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले यूडीएफ ने विकास और सामाजिक कल्याण पर जोर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- यूडीएफ का घोषणापत्र आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए है।
- इसमें गरीबी उन्मूलन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, और कचरा प्रबंधन पर जोर दिया गया है।
- अवारा कुत्तों की समस्या का स्थायी समाधान प्रस्तावित है।
- बुजुर्गों और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।
- प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से स्थानीय निकायों को और अधिक अधिकार दिए जाएंगे।
अलप्पुझा, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस द्वारा संचालित यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने सोमवार को आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र प्रस्तुत किया।
इस घोषणापत्र में शहरी विकास और सामाजिक कल्याण के लिए एक व्यापक रोडमैप पेश किया गया है। यूडीएफ ने इसे राज्य की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार द्वारा शहरी आवश्यकताओं की अनदेखी के जवाब में बताया।
इस घोषणापत्र में गरीबी उन्मूलन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कचरा प्रबंधन, बुनियादी ढांचा, महिला और युवा सशक्तिकरण तथा प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया गया है। यूडीएफ का कहना है कि यदि वे सत्ता में आए तो इन क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाएंगे।
घोषणापत्र में बताया गया है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों और राशन कार्ड धारकों के लिए वित्तीय सहायता और आजीविका कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबी को समाप्त या काफी हद तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही कम लागत वाली आवास योजनाओं का भी वादा किया गया है, जिसमें आगामी पांच वर्षों में पाँच लाख मकानों का निर्माण शामिल है।
आधुनिक तकनीक के साथ उन्नत कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू करने की घोषणा की गई है, जिसमें प्रत्येक वार्ड में बायो-वेस्ट ट्रीटमेंट यूनिट, 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और बड़े पैमाने पर बायोगैस संयंत्रों की स्थापना शामिल है।
घोषणापत्र में आवारा कुत्तों की समस्या का स्थायी समाधान भी प्रस्तावित है, जिसके तहत एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) कार्यक्रम का पालन, मोबाइल एबीसी यूनिट और आधुनिक स्लॉटर हाउस की स्थापना की जाएगी।
सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोलेरा, टाइफाइड और डेंगू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए रोग-नियंत्रण दस्ते गठित किए जाएंगे। स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करने के लिए नए परीक्षण प्रयोगशालाएं और वर्षा जल संचयन परियोजनाएं लागू की जाएंगी।
घोषणापत्र में बुजुर्गों के लिए सहायता केंद्र, सभी स्थानीय निकायों में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, ‘शिशुमित्र’ मॉडल पर आधारित बाल सुरक्षा योजना और बिना वार्षिक आय-प्रमाणन के पेंशन विस्तार का भी वादा किया गया है। इसके अलावा पैलिएटिव केयर, फिटनेस सेंटर, डे होम और युवा सलाहकार परिषद भी गठित की जाएंगी।
प्रशासनिक सुधारों में स्थानीय निकायों को आपदा प्रबंधन में अधिक अधिकार, भ्रष्टाचार नियंत्रण प्रमाणन, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, उन्नत ई-गवर्नेंस और एआई-आधारित प्रशासनिक सेवाओं को शामिल किया गया है।
इसके साथ ही एंटी-ड्रग अभियान, कार्बन न्यूट्रल नगरपालिकाएं, नदी संरक्षण और सतत शहरी योजना समितियों का गठन भी प्रस्तावित है।
विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने घोषणापत्र जारी करते हुए इसे समावेशी, तकनीक-सक्षम और नागरिक-केंद्रित शासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव दो चरणों में ९ और ११ दिसंबर को होंगे, जबकि मतगणना १३ दिसंबर को की जाएगी।