क्या केरल नेनमारा हत्या मामले में चेंथमारा को मिली दोहरी आजीवन कारावास की सजा?

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क्या केरल नेनमारा हत्या मामले में चेंथमारा को मिली दोहरी आजीवन कारावास की सजा?

सारांश

केरल नेनमारा हत्या मामले में अदालती निर्णय ने सभी को चौंका दिया है। चेंथमारा को दोहरी आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने की साथ-साथ सजा दी गई। यह फैसला न केवल न्याय की उपलब्धि है, बल्कि स्थानीय समुदाय में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करता है।

Key Takeaways

  • चेंथमारा को दोहरे आजीवन कारावास की सजा मिली है।
  • अदालत ने 4.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
  • मुकदमे में 50 गवाहों की गवाही शामिल थी।
  • इस मामले ने समाज में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है।
  • अदालत का फैसला न्याय की उपलब्धि है।

पलक्कड़, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेनमारा पोथुंडी सजिता हत्या मामले में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, केरल की अदालत ने शनिवार को एकमात्र आरोपी चेंथमारा को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

यह सजा सजिता की हत्या (2019) से संबंधित है।

आजीवन कारावास के साथ-साथ, अदालत ने कुल 4.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

पलक्कड़ की चतुर्थ अतिरिक्त सत्र अदालत ने यह पाया कि चेंथमारा के अपराध, हत्या के बाद सबूतों को नष्ट करने की कोशिश, उसके अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं।

सबूतों से छेड़छाड़ के लिए उसे पाँच साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। ये सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

चेंथमारा ने अगस्त 2019 में नेनमारा स्थित सजिता के घर पर हमला किया था। उसे शक था कि सजिता और उसके एक पड़ोसी ने मिलकर उसके परिवार में कलह उत्पन्न की है।

उस समय सजिता के बच्चे स्कूल गए हुए थे और उसका पति तमिलनाडु गया हुआ था।

जमानत मिलने के बाद, चेंथमारा ने 27 जनवरी को एक दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। जेल से बाहर आने के बाद उसने सजिता के पति और सास को भी बेरहमी से मार डाला। इसके बाद, अदालत ने उसकी जमानत रद्द कर दी।

अदालत में मौजूद सजिता के बच्चे, अतुल्या और अखिला, ने कहा कि वे इस फैसले से खुश हैं।

दोनों ने कहा, "हम अदालत में थे और उसे देखकर डर लग रहा था। हम चाहते हैं कि उसे दोबारा जमानत न मिले।"

छह साल तक चले इस मुकदमे में 50 लोगों की गवाही शामिल थी, जिसमें चेंथमारा की पत्नी भी थी, जिसने पुष्टि की कि हत्या का हथियार घर पर रखा गया था और उसने उसे लंबे समय तक मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था।

उपलब्ध साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट और 30 से ज्यादा आधिकारिक दस्तावेज दोषसिद्धि सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण थे।

परिवार के सदस्यों ने पहले ही आरोपियों की रिहाई पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी और अधिकतम सजा की मांग की थी।

इस फैसले के बाद, अधिकारी चेंथमारा के नेनमारा दोहरे हत्याकांड के लिए एक अलग मुकदमा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

पलक्कड़ के पुलिस अधीक्षक अजित कुमार ने कहा कि दोहरे हत्याकांड का मुकदमा तेजी से आगे बढ़ रहा है।

चेंथमारा की हिंसक घटनाओं ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रखा था। अदालत के इस फैसले से पीड़ित परिवारों को राहत मिली है, साथ ही पूर्वनियोजित और बार-बार होने वाले हिंसक अपराधों के मामलों में कानूनी ढांचे की जवाबदेही को भी बल मिला है।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि इस फैसले ने न्यायिक प्रक्रिया की शक्ति को दर्शाया है। यह न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्याय है, बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास को भी मजबूत करता है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

नेनमारा हत्या मामले में चेंथमारा को क्या सजा मिली?
चेंथमारा को दोहरे आजीवन कारावास और 4.75 लाख रुपये का जुर्माना मिला है।
इस मामले में कुल कितने गवाह थे?
इस मामले में 50 लोगों की गवाही शामिल थी।
इस फैसले का क्या असर होगा?
इस फैसले से पीड़ित परिवारों को राहत मिली है और समाज में न्याय की भावना को मजबूत किया है।