क्या केरल के तिरुवनंतपुरम में आरएसएस कार्यकर्ता ने आत्महत्या की? सुसाइड नोट में भाजपा-आरएसएस नेतृत्व पर गंभीर आरोप
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक टिकट न मिलने पर कार्यकर्ता मानसिक दबाव में आ सकते हैं।
- सुसाइड नोट से स्पष्ट होता है कि आंतरिक संघर्ष से निपटने की ज़रूरत है।
- राजनीतिक दलों को कार्यकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
तिरुवनंतपुरम, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के माहौल के बीच एक दुखद घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। त्रिक्कन्नापुरम वार्ड से भाजपा टिकट की उम्मीद लगाए बैठे आरएसएस कार्यकर्ता आनंद के. थम्पी ने कथित तौर पर टिकट न मिलने के कारण पार्टी नेताओं द्वारा मानसिक प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर ली।
आनंद के. थम्पी लंबे समय से आरएसएस के एक सक्रिय कार्यकर्ता थे और वे त्रिक्कन्नापुरम वार्ड से भाजपा के उम्मीदवार बनना चाहते थे। उन्होंने पार्टी के जिला स्तर के नेताओं से अपनी उम्मीदवारी की स्पष्ट मांग की थी। लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। सुसाइड नोट में आनंद ने आरोप लगाया कि स्थानीय भाजपा और आरएसएस नेतृत्व पर 'भू-माफिया गिरोह' ने कब्जा कर लिया है।
उन्होंने वार्ड के भाजपा क्षेत्र अध्यक्ष सहित कई नेताओं को भू-माफिया करार दिया और कहा कि इनकी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए एक प्रभावशाली व्यक्ति की आवश्यकता थी। इसी कारण पार्टी ने भू-माफिया विनोद कुमार को उम्मीदवार बना दिया। आनंद ने लिखा कि निर्दलीय लड़ने के निर्णय के बाद आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया कि उनकी सहनशक्ति टूट गई।
आनंद ने सुसाइड पत्र में लिखा, "मैंने आरएसएस के जिला कार्यकर्ताओं को सीधे तौर पर बताया था कि मैं त्रिक्कणापुरम से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता हूं। लेकिन जब भू-माफिया गिरोह ने आरएसएस और भाजपा पर कब्जा कर लिया, तो मैं त्रिक्कणापुरम वार्ड से भाजपा उम्मीदवार नहीं बन सका। जब मैंने त्रिक्कणापुरम वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं का मानसिक दबाव मेरी सहनशक्ति से बाहर था।"
उन्होंने आगे लिखा, "मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं को मेरे मृत शरीर को देखने की भी इजाजत न दी जाए। मेरे जीवन की सबसे बड़ी गलती यही है कि मैं एक आरएसएस कार्यकर्ता के तौर पर रहा और इस मौत से ठीक पहले तक, मैं सिर्फ एक आरएसएस कार्यकर्ता के तौर पर जिया और यही वजह है कि आज मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि किसी और को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।"