क्या रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने से लालू परिवार को मुश्किलें बढ़ेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- रोहिणी आचार्य का राजनीति छोड़ना एक महत्वपूर्ण घटना है।
- चिराग पासवान ने परिवार के संकट को समझा है।
- नवनिर्वाचित विधायक ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाए हैं।
पटना, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के बाद, राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति से अलविदा लेने और परिवार से दूर होने की बातें तेज हो गई हैं। इस पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वह चाहते हैं कि ये समस्याएं जल्द से जल्द हल हों।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मैं इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि जब कोई परिवार कठिन परिस्थितियों का सामना करता है, तो मैं उनकी मानसिक स्थिति को समझ सकता हूँ। चिराग ने आगे कहा कि भले ही हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हों, मैंने हमेशा लालू प्रसाद यादव के परिवार को अपना माना है। तेजस्वी, तेज प्रताप, मीसा, रोहिणी और अन्य को मैंने हमेशा अपने भाई-बहन की तरह समझा है। मैं चाहता हूँ कि पारिवारिक समस्याएँ जल्दी सुलझें।
चिराग पासवान ने कहा कि यदि घर में एकता बनी रहे तो बाहरी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। यदि घर में ही कलह होगी, तो बाहरी परिस्थितियाँ और भी कठिन हो जाती हैं। जिस समय राजद इस स्थिति से गुजर रहा है, घर में चल रही कलह इसे और बढ़ा रही है। मुझे समझ आता है कि परिवार बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है।
वहीं, नवनिर्वाचित विधायक दीपा मांझी ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि अपने पिता के लिए किडनी दान करने वाली बेटी के साथ घर में दुर्व्यवहार हुआ, उसे घर से निकाल दिया गया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अगर परिवार में ही ऐसा हो रहा है, तो ऐसे लोगों से समाज के लिए काम करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
मतदाताओं का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे दोबारा चुनने और इस क्षेत्र की सेवा और विकास का यह सुनहरा अवसर देने के लिए मैं जनता और एनडीए के सभी नेताओं का आभार व्यक्त करती हूँ, जिन्होंने मुझ पर पुनः भरोसा किया है। अब जनता ने अपना विश्वास जताया है और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।