क्या बालम खीरा औषधीय गुणों से भरपूर है?
सारांश
Key Takeaways
- बालम खीरा में औषधीय गुण होते हैं।
- यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
- किडनी स्टोन में सहायक।
- एंटी-मलेरियल गुण।
- पाचन के लिए लाभकारी।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बालम खीरा एक ऐसा पौधा है जो मूल रूप से अफ्रीका का है, लेकिन यह भारत, नेपाल और कई अन्य एशियाई देशों में भी पाया जाता है। आयुर्वेद और पारंपरिक उपचार में इसकी उपयोगिता पुरानी है। इसके फल, बीज, छाल और तने में औषधीय गुण होते हैं।
इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। यही कारण है कि इसे शरीर को हाइड्रेट रखने, पाचन सुधारने और इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी फायदेमंद माना जाता है।
इम्यूनिटी की बात करें तो बालम खीरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे सर्दी-जुकाम या वायरल बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। कई लोग इसका उपयोग किडनी स्टोन के उपचार में भी करते हैं। इसका चूर्ण या काढ़ा पथरी को धीरे-धीरे घोलकर बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी की कार्यक्षमता को सुधारता है।
बालम खीरा में एंटी-मलेरियल गुण भी होते हैं। इसके तने में पाए जाने वाले विशेष यौगिक मलेरिया के कीटाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं। इसका रस कई स्थानों पर मलेरिया के समय लिया जाता है और यह सूजन कम करने में भी प्रभावी होता है। छाल का लेप सूजन वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है। अमीबियासिस जैसे परजीवी संक्रमण में भी इसका रस लाभकारी माना जाता है।
कुछ शोध बताते हैं कि इसके एंटी-कैंसर गुण शरीर में हानिकारक कोशिकाओं के बनने की गति को कम कर सकते हैं, खासकर पाचन तंत्र और गर्भाशय से जुड़े कैंसर में।
पीलिया में इसका रस सुबह खाली पेट लेना फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में सहायता करता है। बुखार होने पर यह शरीर को ठंडक देता है और तापमान को कम करने में मदद कर सकता है। इसके बीजों में मौजूद फाइबर कब्ज को दूर करने में सहायक होता है और फल पाचन को संतुलित रखता है। गर्मियों में इसे हाइड्रेशन के लिए भी लिया जाता है।
हालांकि, किसी भी उपचार से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि गलत मात्रा या तरीके से किसी भी चीज का सेवन करने से फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है।