क्या केरल के सीएम विजयन के परिवार को ईडी का नोटिस मिला?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का परिवार ईडी जांच के दायरे में आया।
- कमला विजयन को छोड़कर सभी सदस्यों को समन मिला।
- राजनीतिक दृष्टिकोण से यह घटना महत्वपूर्ण है।
- क्लिफ हाउस पर कानूनी जांच का दबाव है।
- सनी जोसेफ ने इसे ध्यान भटकाने की चाल बताया।
तिरुवनंतपुरम, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के सरकारी निवास क्लिफ हाउस में कुछ विशेष घटना घटी है। परिवार के सदस्यों में से उनकी पत्नी कमला विजयन को छोड़कर सभी को केंद्रीय जांच एजेंसियों से समन या नोटिस प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री के दोनों संतानें, बेटी वीना और बेटा विवेक, को ईडी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय और अन्य एजेंसियों द्वारा पूछताछ या समन का सामना करना पड़ा है। सीपीआई-एम अक्सर ऐसे मामलों को 'राजनीतिक प्रेरित शिकार' कहकर खारिज करती है, लेकिन मुख्यमंत्री का परिवार जांच के दायरे में आ गया है।
यह मामला एसएनसी-लवलीन केस से शुरू हुआ था और अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसमें राजनयिक चैनल सोने की तस्करी केस, लाइफ मिशन जांच, कोचीन मिनरल्स एवं रूटाइल लिमिटेड मंथली पेमेंट विवाद, और अब मसाला बॉन्ड मामले में मुख्यमंत्री को मिला नया ईडी का नोटिस शामिल है। मुख्यमंत्री की बेटी टी. वीणा अपनी कंपनी एक्सालॉजिक से जुड़े मामले में फंसी हुई हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बिना काम किए ही पेमेंट ले लिया। केंद्रीय एजेंसियों ने उनसे पहले ही पूछताछ की है।
मुख्यमंत्री के बेटे विवेक विजयन को ईडी द्वारा लवलीन जांच के दौरान सामने आए कथित वित्तीय संबंधों के सिलसिले में बुलाया गया था, जिसमें उनकी पढ़ाई के लिए विदेश में किए गए पेमेंट भी शामिल हैं।
सीएम विजयन को ईडी के नोटिस पर केरल कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक सनी जोसेफ ने कहा कि यह केवल ध्यान भटकाने की तकनीक है, जो एलडीएफ सरकार के खिलाफ सबरीमाला से जुड़े मामलों से लोगों का ध्यान हटाने का एक प्रयास है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह चुनाव के समय मुख्यमंत्री की सहायता के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मिली-जुली चाल है।
सनी जोसेफ ने इस घटनाक्रम पर व्यंग्य करते हुए कहा, “इस प्रकार की समायोजन की राजनीति में कुछ भी नया नहीं है और इससे कुछ भी नहीं होगा।”
जब सीएम विजयन के पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर को सोने की तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था, तब भी जांच प्रशासनिक स्तर या क्लिफ हाउस तक नहीं पहुंची थी।
अब मसाला बॉन्ड केस में स्वयं मुख्यमंत्री ईडी की जांच के दायरे में आ गए हैं, जिससे यह स्थिति राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।
फिलहाल, केवल सीएम की पत्नी कमला विजयन ही नोटिस से बाहर हैं। क्लिफ हाउस इस समय कानूनी जांच और राजनीतिक प्रतीकवाद के चौराहे पर खड़ा है।