क्या हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपडेट मांगा है?

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क्या हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपडेट मांगा है?

सारांश

केरल हाईकोर्ट ने 2017 के मलयालम एक्ट्रेस असॉल्ट केस में मीडिया संस्थानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट मांगी। क्या यह मामला फिर से सुर्खियों में आ रहा है?

Key Takeaways

  • केरल हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ एफआईआर की स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
  • मामला 2017 के मलयालम अभिनेत्री असॉल्ट केस से संबंधित है।
  • दिलीप का आरोप है कि मीडिया ने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया।
  • सुनवाई अगले सप्ताह स्थगित कर दी गई है।
  • फैसले की उम्मीद 8 दिसंबर को है।

कोच्चि, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2017 के मलयालम एक्ट्रेस असॉल्ट केस से संबंधित मुकदमे की रिपोर्टिंग पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोप में मीडिया संस्थानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रगति को लेकर केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

यह निर्देश जस्टिस सी. प्रतीप कुमार ने उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया, जिसे मामले के आठवें आरोपी अभिनेता दिलीप ने दायर किया है। दिलीप का आरोप है कि कुछ मीडिया संगठनों ने इन-कैमरा ट्रायल की कार्यवाही को प्रकाशित/प्रसारित कर अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है।

दिलीप की ओर से दलील दी गई कि अदालत के 18 जनवरी 2022 के आदेश के बाद दर्ज हुई एफआईआर में अब तक कोई ठोस जांच आगे नहीं बढ़ी है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी की, “इस याचिका का उद्देश्य तो पहले ही पूरा हो चुका है।” हालांकि बचाव पक्ष ने कहा कि तत्काल उद्देश्य पूरा होने के बावजूद, कानूनी प्रक्रिया का तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना आवश्यक है।

सार्वजनिक अभियोजक ने जांच एजेंसियों से निर्देश प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक स्थगित कर दी।

इस बीच, एर्नाकुलम के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशंस कोर्ट द्वारा 8 दिसंबर को अभिनेत्री असॉल्ट केस में फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है। यह मामला फरवरी 2017 में कोच्चि के बाहरी इलाके में एक लोकप्रिय मलयालम अभिनेत्री के अपहरण और कथित यौन उत्पीड़न से जुड़ा है।

दिलीप पर आरोप है कि उन्होंने साजिश रचकर अपराधियों को हायर किया, जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया।

बता दें कि छह से अधिक वर्षों तक चले इस ट्रायल में 200 से अधिक गवाहों के बयान, कई फॉरेंसिक परीक्षण, साक्ष्यों की स्वीकार्यता और मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर कई कानूनी लड़ाइयां शामिल रहीं।

फैसले को लेकर न केवल केरल फिल्म उद्योग बल्कि पूरे राज्य की निगाहें टिकी हुई हैं।

Point of View

यह समझना आवश्यक है कि मीडिया की स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। इस मामले की जटिलता और इसके पीछे की सच्चाईयों को समझना न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ एफआईआर पर कोई निर्णय लिया है?
हाईकोर्ट ने मीडिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
दिलीप के खिलाफ क्या आरोप हैं?
दिलीप पर आरोप है कि उन्होंने साजिश रचकर अपराधियों को हायर किया, जिन्होंने अभिनेत्री पर हमला किया।
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