क्या केरल में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सीपीआई (एम) ने कई वार्डों में जीत हासिल की?

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क्या केरल में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सीपीआई (एम) ने कई वार्डों में जीत हासिल की?

सारांश

केरल में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सीपीआई (एम) ने कई वार्डों में जीत हासिल की है। यह चुनावी प्रक्रिया में उठे विवादों और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच हुआ है। कांग्रेस ने सीपीआई (एम) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस चुनावी हलचल के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सीपीआई (एम) ने कन्नूर में कई वार्डों में निर्विरोध जीत हासिल की।
  • कांग्रेस ने सीपीआई (एम) पर धमकाने का आरोप लगाया।
  • चुनावों में अनियमितताओं का सामना करना पड़ा।
  • अगले चुनाव 9 और 11 दिसंबर को होने वाले हैं।
  • लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा पर जोर दिया गया है।

तिरुवनंतपुरम, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में 9 और 11 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान होने वाला है। इसके पहले, सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने कन्नूर जिले के 14 वार्डों में निर्विरोध जीत प्राप्त की है।

यह जीत कई नामांकन पत्रों के रद्द होने, वापस लेने, फर्जी दस्तख्त और दबाव के आरोपों के चलते हुई है। इस कारण कई वार्डों में एलडीएफ के उम्मीदवारों के सामने कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं बचे।

सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि थी।

अंथूर नगर पालिका और कन्नपुरम ग्राम पंचायत में, एलडीएफ के उम्मीदवार 11 वार्डों में बिना किसी विरोध के चुने गए।

अंथूर में, कोडल्लूर और थाली वार्ड में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों में अनियमितताओं के चलते उन्हें खारिज कर दिया गया, जिससे अन्य पांच उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित हो गई।

अधिकारियों ने प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर की भी पुष्टि की, जिन्होंने माना कि उनके हस्ताक्षर नकली थे। कन्नपुरम पंचायत में एलडीएफ के छह उम्मीदवार निर्विरोध जीतने में सफल रहे। वार्ड 1 में यूडीएफ के उम्मीदवार और वार्ड 8 में भाजपा के उम्मीदवार के नामांकन पत्रों पर गलत प्रस्तावकों के हस्ताक्षर थे, जिसके चलते इन्हें रद्द कर दिया गया।

इसके परिणामस्वरूप एलडीएफ की उषा मोहनन और टी.ई. मोहनन को बिना किसी प्रतिस्पर्धा के विजेता घोषित किया गया।

अंथूर के वार्ड 5 (अंचम्पीडिका) में, यूडीएफ के सदस्य के. लिविया ने अपना नामांकन वापस लेने की वजह अपहरण बताया।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीपीआई (एम) ने उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए धमकाया है, जबकि सीपीआई (एम) ने इसे निराधार बताते हुए कहा कि यह सब गलत दस्तावेजों और प्रस्तावक की अधूरी जानकारी के कारण हुआ।

वार्ड 13, 18 और 26 जैसे कई अन्य वार्डों में भी ऐसे ही परिणाम देखने को मिले हैं, या तो पर्चा खारिज किया गया या नाम वापस ले लिया गया, जिससे स्पष्ट है कि एलडीएफ के मुकाबले कोई भी बचा नहीं।

कुछ वार्डों जैसे मोराझा और पोडिक्कुंडु में यूडीएफ ने कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा था।

कांग्रेस ने सीपीआई (एम) पर बिना किसी मुकाबले के जीत प्राप्त करने के लिए धमकियों और दबाव डालने के आरोप लगाए हैं, और इसे “डेमोक्रेसी को खत्म करने” का एक प्रयास बताया है।

Point of View

NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या सीपीआई (एम) ने वास्तव में बिना किसी मुकाबले जीत हासिल की?
जी हाँ, कन्नूर जिले के कई वार्डों में सीपीआई (एम) के उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की है।
क्या कांग्रेस के आरोप सच हैं?
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीपीआई (एम) ने उम्मीदवारों को धमकाया, जबकि सीपीआई (एम) ने इसे निराधार बताया है।
क्या चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताएँ सामने आई हैं?
हाँ, कई नामांकन पत्रों को रद्द किया गया है और फर्जी दस्तख्त के आरोप लगे हैं।
क्या इस चुनाव का कोई व्यापक प्रभाव पड़ेगा?
यह चुनावी प्रक्रिया लोकतांत्रिक मूल्यों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है, खासकर यदि विवाद बढ़ते हैं।
केरल में अगले चुनाव कब हैं?
केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को होंगे।
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