क्या पीएम मोदी मंगलवार को अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह का हिस्सा बनेंगे?

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क्या पीएम मोदी मंगलवार को अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह का हिस्सा बनेंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवसर है, जिसमें वे केसरिया ध्वज का आरोहण करेंगे। इस समय, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जो इस धार्मिक आयोजन को और भी विशेष बनाते हैं।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या दौरा एक ऐतिहासिक अवसर है।
  • श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन करेंगे।
  • ध्वजारोहण समारोह का सांस्कृतिक महत्व है।
  • यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
  • भगवा ध्वज की स्थापना एक नई दिशा में ले जाएगी।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या की यात्रा पर रहेंगे। पीएम मोदी यहाँ श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन करेंगे। यह भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

अपने इस कार्यक्रम से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि प्रभु श्री राम भारत की आत्मा और उसकी पहचान का मूल हैं। मेरे लिए यह एक अद्भुत अवसर है कि कल 25 नवंबर को सुबह लगभग 10 बजे अयोध्या के दिव्य और भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन-पूजन का मौका मिलेगा। इसके बाद, दोपहर लगभग 12 बजे श्री राम लला के पवित्र मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज का विधिवत आरोहण करने का ऐतिहासिक क्षण देखने का अवसर प्राप्त होगा। यह ध्वज भगवान श्री राम के तेज, शौर्य और उनके आदर्शों का प्रतीक है। जय श्री राम!

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, सुबह लगभग 10 बजे प्रधानमंत्री सप्तमंदिर जाएंगे, जहाँ महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से संबंधित मंदिर हैं। इसके बाद, वे शेषावतार मंदिर का दौरा करेंगे।

सुबह लगभग 11 बजे, प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे। इसके बाद, वे राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे, और फिर रामलला गर्भगृह का दर्शन करेंगे।

दोपहर लगभग 12 बजे, प्रधानमंत्री अयोध्या में पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे, जो मंदिर निर्माण के पूर्ण होने और सांस्कृतिक उत्सव एवं राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को, श्री राम और माता सीता के विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ, दिव्य मिलन के प्रतीक दिवस के रूप में आयोजित होगा। यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का भी प्रतीक है, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में अयोध्या में 48 घंटे तक निरंतर ध्यान किया था, जिससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

दस फीट ऊँचा और बीस फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज, भगवान श्री राम के तेज और पराक्रम का प्रतीक, एक दीप्तिमान सूर्य की छवि को दर्शाता है, जिस पर कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ 'ॐ' अंकित है। यह पवित्र भगवा ध्वज, राम राज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देते हुए, गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा।

ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्थापत्य शैली में निर्मित शिखर पर स्थापित होगा, जबकि मंदिर के चारों ओर दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित 800 मीटर लंबा परकोटा, जो एक परिक्रमा क्षेत्र है, मंदिर की स्थापत्य विविधता को प्रदर्शित करता है।

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े 87 जटिल नक्काशीदार पत्थर के प्रसंग और परिसर की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग अंकित हैं। ये सभी तत्व मिलकर सभी आगंतुकों को एक सार्थक और शिक्षाप्रद अनुभव प्रदान करते हैं, जो भगवान श्री राम के जीवन और भारत की सांस्कृतिक विरासत की गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है। इस अवसर पर, विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक तत्वों का समावेश एक नई दिशा में ले जाएगा।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी अयोध्या में कब जाएंगे?
पीएम मोदी 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे।
पीएम मोदी किस मंदिर का दर्शन करेंगे?
वे श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन करेंगे।
ध्वजारोहण समारोह का क्या महत्व है?
यह ध्वजारोहण समारोह भगवान श्री राम के आदर्शों और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
इस कार्यक्रम का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
यह कार्यक्रम श्री राम और माता सीता के विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ आयोजित होगा।
ध्वज का आकार क्या है?
ध्वज दस फीट ऊँचा और बीस फीट लंबा है।
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