क्या केरल में निपाह वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है?

Click to start listening
क्या केरल में निपाह वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है?

सारांश

केरल में निपाह वायरस के नए मामलों की पुष्टि के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने 425 लोगों को निगरानी में रखा है। यह स्थिति चिंताजनक है, खासकर मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझिकोड में। जानें क्या हैं लक्षण और स्वास्थ्य विभाग के कदम।

Key Takeaways

  • 425 लोग निगरानी में हैं।
  • मलप्पुरम में सबसे ज्यादा मामले हैं।
  • स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी और रोकथाम के उपाय तेज किए हैं।
  • चमगादड़ों को वायरस का स्रोत माना जा रहा है।
  • लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

तिरुवनंतपुरम, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केरल में निपाह वायरस के नए मामलों के प्रकट होने के पश्चात स्वास्थ्य विभाग ने 425 लोगों को निगरानी में रखा है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि सबसे अधिक 228 लोग मलप्पुरम जिले में, 110 पलक्कड़ में और 87 कोझिकोड में निगरानी में हैं।

एक व्यक्ति का टेस्ट नेगेटिव आया है। स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी व रोकथाम के उपाय तेज कर दिए गए हैं।

मलप्पुरम में वायरस के स्रोत का पता लगाने और इसके प्रसार को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। मक्करापारंबा, कुरुवा, कूट्टिलंगडी और मंकदा पंचायतों के 20 वार्डों में 65 टीमों ने 1,655 घरों का दौरा किया। डॉ. एन.एन. पमेला की अगुआई में यह सर्वे हुआ, जिसमें सी.के. सुरेश कुमार, एम. शाहुल हमीद और महामारी विशेषज्ञ डॉ. किरण राज भी शामिल थे। रिपोर्ट जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. रेनुका को सौंपी गई।

पलक्कड़ में एक व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है और 61 स्वास्थ्यकर्मी निकट संपर्क में हैं। यहां मरीजों को स्थानीय स्तर पर आइसोलेट किया जा रहा है और उनके नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। मलप्पुरम और पलक्कड़ में पुष्ट मामलों के रूट मैप जारी किए गए हैं ताकि लोग सतर्क रहें। कोझिकोड में सभी 87 लोग स्वास्थ्यकर्मी हैं, जो मरीजों के इलाज के दौरान वायरस के संपर्क में आए।

स्वास्थ्य विभाग ने एम्बुलेंस सेवाओं को तैयार रखा है। प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और निगरानी में रखे गए लोगों को सहायता दी जा रही है। चमगादड़ों को वायरस का स्रोत माना जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

निपाह एक खतरनाक वायरस है, जो चमगादड़ों या सूअरों से इंसानों में फैलता है। इसके संक्रमण के बाद दिमाग में सूजन के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। केरल में साल 2018 से अब तक छह बार इस वायरस के प्रकोप देखे जा चुके हैं, जिसमें 2018 में 17 लोगों की मौत हुई थी।

निपाह के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी शामिल हैं। इसके लिए कोई वैक्सीन या विशेष इलाज नहीं है। लोगों से चमगादड़ों के काटे फल न खाने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है

Point of View

जो न केवल केरल बल्कि देश के अन्य हिस्सों के लिए भी चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और निगरानी प्रणाली महत्वपूर्ण है। हमें इस संकट का सामूहिक रूप से सामना करना होगा।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं?
निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी शामिल हैं।
क्या निपाह वायरस का कोई इलाज है?
निपाह वायरस के लिए कोई वैक्सीन या विशेष इलाज नहीं है।
निपाह वायरस कैसे फैलता है?
यह वायरस चमगादड़ों या सूअरों से इंसानों में फैलता है।
क्या हमें निपाह वायरस से डरना चाहिए?
हां, यह वायरस खतरनाक है और इसके संक्रमण से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
लोगों से चमगादड़ों के काटे फल न खाने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।