क्या केजीएमयू में महिला डॉक्टर से अवैध धर्मांतरण का प्रयास हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- महिला डॉक्टर के साथ अवैध धर्मांतरण का प्रयास
- आरोपी डॉक्टर को निलंबित किया गया
- पुलिस ने एफआईआर दर्ज की
- पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश
- विशाखा कमेटी द्वारा जांच चल रही है
लखनऊ, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ कथित अवैध धर्मांतरण का प्रयास और धमकी देने का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है।
विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवक्ता प्रोफेसर केके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी जूनियर डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए हैं। उसे तुरंत निलंबित किया गया है और कैम्पस में उसके प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। वह केवल जांच के दौरान बुलाए जाने पर ही परिसर में प्रवेश कर सकेगा।
प्रोफेसर सिंह ने फोन पर बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस मामले की शिकायत मिलते ही विशाखा कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई। पीड़िता को किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी से बचाने के लिए आरोपी को निलंबित रखा गया है। आरोपी पर महिला डॉक्टर को धर्मांतरण के लिए दबाव डालने, धमकाने और अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और अपनी अलग से जांच कर रही है।
कमेटी और पुलिस दोनों की जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता की सुरक्षा को लेकर विश्वविद्यालय ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है। कमेटी यह भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने पहले भी इसी प्रकार किसी का धर्मांतरण कराकर शादी की थी। आरोप है कि वह पीड़िता का ब्रेनवॉश करके उसका धर्मांतरण कराना चाहता था।
जानकारी के अनुसार, जांच में आरोपी के संभावित सहयोगियों और उन लोगों की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने इस मामले को प्रशासन से छुपाने का प्रयास किया। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक और आपराधिक दोनों स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों।
कमेटी ने आरोपी से शपथपत्र भी मांगा है कि उसने पहले शादी की है या नहीं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी आरोपों की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।