क्या लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है मतदाता सूची संशोधन पर चर्चा? खड़गे ने राज्यसभा उपसभापति को लिखा पत्र

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता सूची का संशोधन लोकतंत्र का आधार है।
- खड़गे ने राज्यसभा में चर्चा की मांग की है।
- यह मुद्दा कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है।
- विपक्षी दलों की एकजुटता इस मुद्दे पर केंद्रित है।
- बिहार में चुनावों से पहले एसआईआर का मुद्दा गरमाया हुआ है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को पत्र लिखकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर तत्काल चर्चा की मांग की है। खड़गे ने कहा कि यह मुद्दा देश के करोड़ों मतदाताओं, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
खड़गे ने अपने पत्र में 21 जुलाई 2023 को तत्कालीन सभापति द्वारा दिए गए एक निर्णय का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि राज्यसभा में हर मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है, सिवाय सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों के आचरण से संबंधित मामलों के, जब तक कि उनको हटाने के लिए राष्ट्रपति को संबोधित प्रस्ताव न हो।
उन्होंने इस आधार पर तर्क किया कि मतदाता सूची का संशोधन एक ऐसा विषय है, जिस पर चर्चा करने का पूरा अधिकार है।
खड़गे ने पत्र में लिखा, "भारत के चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पहले बिहार में की जा रही है और इसके बाद पश्चिम बंगाल, असम और अन्य राज्यों में की जाएगी। विपक्षी सांसद वर्तमान सत्र के पहले दिन से ही सदन में तत्काल चर्चा की मांग कर रहे हैं।
खड़गे ने उपसभापति से अनुरोध किया कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है और इसका सीधा असर करोड़ों मतदाताओं पर पड़ता है, खासकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए, जो अत्यंत चिंता का विषय है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाते हुए यह मांग रखी और उम्मीद जताई कि उपसभापति इस पर सकारात्मक निर्णय लेंगे।
बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्षी सांसद सरकार से संसद के मानसून सत्र में एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार में इस वर्ष चुनाव होने हैं।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण कराया। विपक्ष एसआईआर का विरोध कर रही है और सरकार पर मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगा रही है।