क्या खरमास में सोना-चांदी खरीदना शुभ या अशुभ है? जानें ज्योतिषीय मान्यता
सारांश
Key Takeaways
- खरमास में सोना और चांदी खरीदना अशुभ हो सकता है।
- सही वस्तुओं का चुनाव करें।
- धार्मिक कार्यों के लिए कपड़े खरीदें।
- घर की सुख-समृद्धि के लिए ध्यान दें।
- खरमास का समय डरने का नहीं, समझदारी से चुनने का है।
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। खरमास के दौरान ज्योतिष शास्त्र में सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है। इस समय विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लगाई जाती है। लेकिन एक प्रश्न अक्सर उठता है कि क्या खरमास में सोना और चांदी खरीदना शुभ है या अशुभ। यदि आप भी इस विषय पर असमंजस में हैं, तो इसे इस तरह समझिए।
ज्योतिष के अनुसार, सोना का प्रतीक सूर्य है और चांदी का चंद्रमा। सूर्य और चंद्रमा दोनों हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूर्य ऊर्जा, शक्ति और वैवाहिक जीवन का संकेत है, जबकि चंद्रमा मन, भावनाओं और शांति का प्रतीक है। खरमास के दौरान, सूर्य की गति धीमी हो जाती है और ग्रहों की स्थिति कमजोर हो जाती है। ऐसे में सोना या चांदी खरीदने से ग्रहों की कमजोर स्थिति और बढ़ सकती है।
इसका अर्थ यह नहीं कि खरमास में खरीदारी पूरी तरह से रोक दी जाए। यह केवल महंगी धातुओं के लिए है। आप कपड़े और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरमास में खरीद सकते हैं। बस इतना ध्यान रखें कि कपड़े पूजा-पाठ या धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग किए जाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
यदि आप विवाह या शादी के लिए कपड़े खरीदने की सोच रहे हैं, तो थोड़ी सावधानी बरतें। सूर्य की कमजोर स्थिति वैवाहिक जीवन की ऊर्जा पर असर डाल सकती है, इसलिए ज्योतिष के अनुसार खरमास में शादी के कपड़े खरीदना शुभ नहीं माना जाता।
असल में खरमास को घर और परिवार की खुशहाली का समय माना जाता है। पूजा, धार्मिक कार्य, नए वस्त्र और कुछ आवश्यक घरेलू सामान खरीदना ठीक है, लेकिन सोना और चांदी जैसी महंगी धातुएं इस समय खरीदना नुकसानदायक हो सकता है।
खरमास कोई डरने वाला समय नहीं है। बस सही चीजों का चुनाव करना आवश्यक है। इस समय पूजा-पाठ पर अधिक ध्यान दें, इससे मन भी शांत रहेगा।