क्या खेसारी लाल यादव ने निरहुआ के कृष्णवंशी न होने पर तंज कसा?
सारांश
Key Takeaways
- खेसारी लाल यादव ने जाति से ऊपर उठकर इंसानियत की बात की।
- एनडीए सरकार पर विकास की कमी का आरोप लगाया।
- कृष्णवंशी और यदुमुल्ला विवाद पर खेसारी का पलटवार।
छपरा, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की छपरा सीट से चुनाव लड़ रहे राजद के उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर एनडीए सरकार और निरहुआ उर्फ दिनेश लाल यादव पर तीखा हमला किया है। खेसारी लाल ने निरहुआ के कृष्णवंशी न होने और यदुमुल्ला सम्बन्धी बयान पर कड़ा जवाब दिया।
उन्होंने कहा, "क्या मुसलमान हमारे भाई और इस देश के नागरिक नहीं हैं? जब से वह (निरहुआ) भाजपा में शामिल हुए हैं, तब से उनका रवैया बदल गया है। इससे पहले, उन्होंने अपनी फिल्मों में 6 से 7 बार मुसलमान का किरदार निभाया था। पहले यह विचारधारा कहाँ गई थी? लेकिन मैं दल बदलने वालों में नहीं हूँ, मेरे लिए इंसानियत सबसे महत्वपूर्ण है और मैं मंदिर-मस्जिद के साथ-साथ रोजगार भी चाहता हूँ।"
खेसारी लाल ने एनडीए सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा, "लोग कहते हैं कि मैं यहाँ नहीं रहता, लेकिन जो व्यक्ति बाहर से काम कर रहा है, वह दूर रहकर भी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकता है।"
खेसारी ने यह भी स्पष्ट किया कि, "मैं कहीं भी रहूँगा, लेकिन छपरा के विकास के लिए काम करता रहूँगा।" उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात में पहले जंगल राज था, लेकिन अब वहाँ 200 से ज्यादा फैक्ट्रियाँ हैं, जबकि बिहार में 20 साल से एनडीए सरकार है, लेकिन यहाँ एक भी फैक्ट्री नहीं है। क्या बिहार एक भी फैक्ट्री के लायक नहीं है?
कुछ दिन पहले, दिनेश लाल यादव ने खेसारी लाल पर कृष्णवंशी न होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, "जो राम मंदिर का विरोध करता है, वह कृष्ण का वंशज कैसे हो सकता है? यादव वंश श्री कृष्ण से जुड़ा है, लेकिन जो राम का विरोध करेगा, वह कृष्णवंशी नहीं हो सकता। यह तो यदुमुल्ला है।"
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी खेसारी को चुनाव में सोच-समझकर बोलने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं और कुछ लोग राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं। जो राम मंदिर का सगा नहीं, वो किसी का सगा नहीं होता।"