क्या पीएम मोदी ने किसानों के हित की बात की?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के हित सर्वोच्च प्राथमिकता
- अमेरिकी टैरिफ का नकारात्मक प्रभाव
- कृषि और डेयरी क्षेत्र को टैरिफ से बचाने की आवश्यकता
- किसान नेताओं का समर्थन
- संसद में मुद्दा उठाने की अपील
करनाल, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। किसान नेता रत्न मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। यह बयान गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ के साथ अब भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इस पर भारत में विपक्षी दल लगातार सरकार से सख्त रुख अपनाने की मांग कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसानों का हित भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।
यह उल्लेखनीय है कि अमेरिका व्यापार वार्ता के आरंभ से ही भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में प्रवेश की मांग कर रहा है। भारत ने पहले ही स्पष्ट रूप से कहा है कि वह कृषि और डेयरी क्षेत्र के लिए कोई समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी के किसानों के हित में दिए गए बयान का किसानों द्वारा समर्थन किया गया है।
किसान नेता रत्न मान ने कहा कि भारत में कृषि किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है, जबकि अन्य देश अपने किसानों को भारी सब्सिडी देकर व्यापार के लिए खेती करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि, मछली पालन और डेयरी जैसे क्षेत्रों को टैरिफ समझौतों से अलग रखा जाना चाहिए। रत्न मान ने इस मुद्दे को पीएम मोदी द्वारा संसद में उठाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री के रुख को किसानों के हित में बताते हुए उनकी सराहना की।
किसान नेता सुरेंद्र ने कहा कि यह अच्छी बात है कि डेयरी उद्योग को इससे दूर रखा जाएगा। कृषि हमारी आजीविका है, अगर इस पर टैरिफ लगाया गया तो यह सब खत्म हो जाएगा। किसान पीएम मोदी का धन्यवाद करते हैं। जब तक यह मुद्दा संसद में नहीं उठाया जाता, तब तक यह अधूरा है। यदि यह संसद में उठाया जाएगा तो यह बेहतर होगा।