क्या तमिलनाडु के किसानों ने <b>प्रधानमंत्री मोदी</b> की तारीफ की है?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की समस्याओं को समझने का प्रयास किया है।
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु कई पहल की गई हैं।
- किसानों के लिए यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच है।
- कृषि में स्थिरता और विकास के लिए नीतियों की आवश्यकता है।
कोयंबटूर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर में 'दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025' का उद्घाटन करने जा रहे हैं। कार्यक्रम में उपस्थित कई किसानों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की समस्याओं की गहराई से समझ रखते हैं।
प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले किसान मुरुगेसन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं 13 वर्षों से प्राकृतिक खेती कर रहा हूँ और मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन मेरे तरीकों को और उन्नत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो टिकाऊ कृषि के विकास के लिए आवश्यक हैं।"
एक अन्य किसान, मणिमेकलाई ने कहा, "यह सम्मेलन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। प्रधानमंत्री मोदी किसानों के लिए लाभकारी नीतियों को लागू कर रहे हैं। हर किसान को प्राकृतिक खेती के इस प्रयास के बारे में जानकारी होनी चाहिए।"
किसान कनगराज ने प्रधानमंत्री मोदी से कृत्रिम उर्वरकों के उपयोग को कम करने और प्लास्टिक पर रोक लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर ले जा सकती है।
एक अन्य किसान ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की चिंताओं को सुनते हैं और उनकी समस्याओं को समझते हैं। वे कृषि के स्तर को सुधारने के लिए कुछ ठोस कदम उठाना चाहते हैं। पिछले चार से पांच वर्षों में, उन्होंने सबसे गरीब किसानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की है।"
कोयंबटूर में 'दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन' तीन दिनों तक चलेगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी किसानों को संबोधित करेंगे।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है, ताकि भारत में कृषि का भविष्य प्राकृतिक और पुनर्नवीनीकरणीय कृषि की ओर अग्रसर हो सके।