क्या भाजपा किसी भी हालत में बिहार चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है?: रोहित पवार

Click to start listening
क्या भाजपा किसी भी हालत में बिहार चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है?: रोहित पवार

सारांश

क्या भाजपा बिहार चुनाव में जीत की हर संभव कोशिश कर रही है? रोहित पवार के द्वारा उठाए गए सवालों के साथ जानिए बिहार के चुनावी माहौल की असलियत।

Key Takeaways

  • भाजपा बिहार चुनाव को लेकर चिंतित है।
  • मतदाता सूची में 60 लाख वोट कम किए गए हैं।
  • चुनाव आयोग ने नागरिकता का प्रमाण मांगा है।
  • विपक्षी पार्टियां गड़बड़ी की आशंका जता रही हैं।
  • भाजपा को फर्जी वोटर्स को हटाने की प्रक्रिया का समर्थन है।

मुंबई, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के नेता रोहित पवार ने शुक्रवार को बिहार मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा सूची पर उठाए गए सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा भयभीत है और किसी भी हालत में बिहार चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है।

एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने कहा, "बिहार में करीब 60 लाख वोट कम किए गए हैं। जिस विधानसभा में ऐसा चर्चा या कैलकुलेशन था कि 10,000 या 30,000 मतदान कम करेंगे तो भाजपा को इसका फायदा होगा, वहीं ऐसा हुआ है। इसे ध्यान में रखते हुए 10,000 से लेकर 40,000 तक वोट कम किए गए हैं। ऐसे ही मतदाता सूची से 60 लाख वोट काटे गए हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "चुनाव आयोग ने नागरिकता का प्रमाण मांगा है। अगर महाराष्ट्र का उदाहरण लिया जाए तो यहां आदिवासी समाज के पास नागरिकता का कोई प्रमाण नहीं होगा। उनके पास केवल एक ही प्रमाण है और वो है वोटर आईडी कार्ड। अब पहचान पत्र क्यों मांगा जा रहा है?"

पवार ने कहा, "भाजपा अभी डरी हुई है। उन्हें किसी भी हालत में बिहार में चुनाव लड़ना है और उसे जीतना है। बिहार में जो कर रहे हैं, वो निश्चित रूप से महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी ऐसा करेंगे। उनका डर सही है। भविष्य में उनकी हार निश्चित है।"

इस वर्ष बिहार में चुनाव होने हैं। चुनावी वर्ष में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में अधिकांश विपक्षी पार्टियां एकजुट होती दिख रही हैं। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी नेता मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं। इसी बीच राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी की बात दोहराई।

हालांकि, चुनाव आयोग एसआईआर को एक सामान्य प्रक्रिया बता रहा है, ताकि फर्जी वोटर्स को लिस्ट से बाहर किया जा सके। वहीं, भाजपा विपक्ष पर कोई मुद्दा न होने का आरोप लगाते हुए जानबूझकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगा रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार का चुनावी परिदृश्य बेहद संवेदनशील है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष अपनी बात रखें, लेकिन मतदाता की आवाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में चुनाव कब होंगे?
इस साल बिहार में चुनाव होने की संभावना है।
विशेष गहन पुनरीक्षण क्या है?
यह चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में सुधार के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है।
भाजपा की रणनीति क्या है?
भाजपा किसी भी हालत में चुनाव जीतने के लिए तैयार है।