क्या कोडरमा में 125 दिन रोजगार के साथ खेती संभव होगा?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नया नाम 'विकसित भारत-जी राम जी' रखा गया है।
- 125 दिनों का रोजगार मिलेगा, जो पहले 100 दिन था।
- युवाओं को रोजगार के लिए पलायन की आवश्यकता कम होगी।
- किसानों को खेती के साथ-साथ रोजगार का लाभ मिलेगा।
- सरकार की नई पहल से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
कोडरमा, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन' यानी 'विकसित भारत-जी राम जी' विधेयक पर कोडरमा के निवासियों ने अपनी खुशियाँ व्यक्त की हैं। उन्होंने इसे सरकार की सकारात्मक पहल के रूप में देखा है।
कोडरमा के लोगों ने कहा कि नए नाम के साथ अब इस योजना से जुड़े व्यक्तियों को 100 दिनों के बजाय 125 दिनों का रोजगार मिलेगा, जिससे युवाओं को अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और पलायन में भी कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा को समाप्त करके नया नाम 'विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन' आकर्षक है और इससे देश प्रगति की दिशा में अग्रसर होगा।
कोडरमा के निवासियों ने कहा कि नए विधेयक में शामिल प्रावधानों से सालभर में 4 महीने की खेती के साथ-साथ 125 दिनों का रोजगार और आजीविका मिशन से विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा।
एक किसान ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि अब इसका नाम बहुत अच्छा है, राम के नाम पर रखा गया है। इससे योजना का विकास होगा और समाज की उन्नति होगी। पहले वाला नाम अधूरा लगता था। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कोडरमा ही नहीं, पूरा देश तरक्की कर रहा है।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इससे मजदूरों को काफी लाभ होगा। पहले जो मजदूर 100 दिन का रोजगार पाते थे, उन्हें अब 25 दिन और, मतलब साल में 125 दिन रोजगार मिलेगा। पहले लोग पलायन ज्यादा करते थे लेकिन अब वे यहाँ रोजगार करेंगे और आय अर्जित करेंगे।
एक अन्य ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं कि वे इस तरह से विकास करते रहें।
एक अन्य ने कहा कि अब हमें 125 दिन का रोजगार मिलेगा। इसके लिए अब प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं। पहले लोग कुछ दिन काम करके बाहर चले जाते थे, लेकिन अब खेती के साथ-साथ मजदूरी भी कर सकते हैं। इससे बाहर जाने की जरूरत कम हो जाएगी।