क्या कोलकाता में टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली में सीएम ममता बनर्जी जनसभा को संबोधित करेंगी?

Click to start listening
क्या कोलकाता में टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली में सीएम ममता बनर्जी जनसभा को संबोधित करेंगी?

सारांश

कोलकाता में टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली 21 जुलाई को हो रही है, जिसमें लाखों कार्यकर्ता शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर जनसभा को संबोधित करेंगी, जो आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी का संकेत देती है। जानें इस रैली के पीछे का इतिहास और उसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली का आयोजन 21 जुलाई को होता है।
  • ममता बनर्जी इस रैली में मुख्य भाषण देंगी।
  • रैली की सुरक्षा के लिए 5,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
  • यह रैली आगामी विधानसभा चुनाव से पहले की महत्वपूर्ण घटना है।
  • टीएमसी ने इस बार रिकॉर्ड भीड़ की उम्मीद जताई है।

कोलकाता, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज, यानी सोमवार को, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपनी वार्षिक 'शहीद दिवस' रैली का आयोजन कर रही है। यह रैली धर्मतला के एस्प्लेनेड क्षेत्र में होगी, जिसमें लाखों कार्यकर्ता और समर्थक भाग लेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमममता बनर्जी इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करेंगी।

तृणमूल कांग्रेस के लिए इस बार की रैली 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले होने के कारण बेहद महत्वपूर्ण है। रैली की तैयारियों के तहत कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। लगभग 5,500 पुलिसकर्मियों को शहर के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है, विशेषकर एक्साइड क्रॉसिंग से श्यामबाजार तक।

वहीं, यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए कई सड़कों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं और कई स्कूलों ने आज ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया है। टीएमसी ने इस बार रिकॉर्ड भीड़ की उम्मीद जताई है, क्योंकि यह रैली हाल के लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में पार्टी की शानदार जीत के बाद हो रही है।

सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी इस मंच से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साध सकती हैं, खासकर बंगाली प्रवासियों के कथित उत्पीड़न और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ।

तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को 'शहीद दिवस' मनाती है, ताकि 1993 में कोलकाता में हुई एक हिंसक घटना में मारे गए 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी जा सके।

उस समय ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल युवा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और उन्होंने मतदाता पहचान पत्र को मतदान के लिए एकमात्र दस्तावेज बनाने की मांग को लेकर एक रैली का आयोजन किया था।

यह रैली तत्कालीन वामपंथी सरकार के खिलाफ थी, जिस दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे। इस घटना ने ममता बनर्जी के राजनीतिक करियर को नई दिशा दी और उनकी छवि एक जुझारू नेता के रूप में उभरी। 1998 में टीएमसी के गठन के बाद इस दिन को पार्टी ने 'शहीद दिवस' के रूप में मनाना शुरू किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली न केवल पार्टी के लिए एक राजनीतिक मंच है, बल्कि यह बंगाल के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी है। इस रैली के जरिए टीएमसी अपनी ताकत और समर्थन को दर्शाने के साथ-साथ केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाने का प्रयास कर रही है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

टीएमसी की 'शहीद दिवस' रैली का महत्व क्या है?
यह रैली 21 जुलाई को आयोजित की जाती है ताकि 1993 में मारे गए युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी जा सके।
क्या ममता बनर्जी भाजपा पर हमला करेंगी?
हां, इस रैली में ममता बनर्जी भाजपा की नीतियों और बंगाली प्रवासियों के उत्पीड़न पर निशाना साध सकती हैं।