क्या कोलकाता में एसआईआर फॉर्म न मिलने पर महिला ने खुद को आग लगा ली?
सारांश
Key Takeaways
- गणना फॉर्म मिलने में देरी के कारण महिला ने आत्मदहन किया।
- पुलिस घटना की जांच कर रही है।
- एसआईआर प्रक्रिया के कारण कई लोगों में दहशत है।
- यह घटना हमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है।
कोलकाता, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत गणना फॉर्म के वितरण में देरी के चलते एक महिला ने कथित तौर पर खुद को आग लगा ली। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस द्वारा साझा की गई।
यह घटना सोमवार को कोलकाता के पूर्बा पुटियारी क्षेत्र में हुई। परिजनों के अनुसार, जमुना मंडल (67) नामक महिला, ब्लॉक स्तर के अधिकारी (बीएलओ) से गणना फॉर्म मिलने में दो दिन की देरी के कारण मानसिक तनाव झेल रही थीं।
मृतका के परिवार का कहना है कि समय पर फॉर्म न मिलने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
गौरतलब है कि बंगाल की मतदाता सूची के एसआईआर के लिए गणना फॉर्म का वितरण 4 नवंबर से शुरू हुआ था।
जमुना मंडल के परिवार को प्रारंभ में गणना फॉर्म नहीं मिले थे, जबकि उनके पड़ोसी परिवारों को फॉर्म प्राप्त हो चुके थे।
महिला के बेटे, मृत्युंजय मंडल ने बताया कि उनकी मां इस देरी के कारण काफी चिंतित थीं। 15 नवंबर को उन्हें गणना फॉर्म मिले, लेकिन फिर भी उनके बेटे के अनुसार, उनकी मां अभी भी दहशत में थीं।
पुलिस के अनुसार, महिला ने सोमवार को खुद को आग लगा दी। इसके बाद, उन्हें एमआर बांगुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह घटना सोमवार को हुई। महिला ने खुद को आग लगाने के बाद गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद, राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस प्रक्रिया के डर से कई लोगों की मृत्यु की खबरें सामने आई हैं।
पार्टी का आरोप है कि एसआईआर की घोषणा के बाद से लोग दहशत में हैं, उन्हें डर है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साधा है।
वहीं, भाजपा का कहना है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी एसआईआर को लेकर नागरिकों में दहशत फैला रही है।