क्या कृति सेनन ने अपनी मां के लिए मेहंदी आर्टिस्ट बनकर उन्हें सजाया?

सारांश
Key Takeaways
- कृति सेनन का अपनी मां के प्रति प्यार दर्शाता है कि परिवार का महत्व हमेशा सर्वोपरि होता है।
- महिलाओं के लिए करवाचौथ का त्योहार खास होता है, जिसमें वे अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
- कृति की मेहंदी डिज़ाइन उनके कलात्मक कौशल को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को करवाचौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ भी इस खास अवसर पर मेहंदी और सरगी की तस्वीरें साझा कर रही हैं, लेकिन कृति सेनन अपनी मां को सजाने में व्यस्त हैं।
कृति ने अपनी मां के हाथों को बेहद खूबसूरत मेहंदी डिज़ाइन से सजाया है और अपने पिता का नाम भी लिखा है।
कृति ने अपने इंस्टाग्राम पर दो तस्वीरें साझा की हैं। पहली तस्वीर में वे अपनी मां के हाथों पर टिकली और फूल-बेल के छोटे-छोटे डिज़ाइन बना रही हैं। उन्होंने अपनी मां गीता सेनन के हाथों में अपने पिता राहुल सेनन का नाम भी अंग्रेजी में लिखा है। दूसरी तस्वीर में कृति ने पूरा मेहंदी का डिज़ाइन प्रदर्शित किया है। कृति न केवल अदाकारी में, बल्कि मेहंदी लगाने की कला में भी माहिर नजर आ रही हैं।
तस्वीरों से स्पष्ट है कि कृति और उनकी मां के बीच एक प्यारा रिश्ता है। हर लड़की के लिए अपनी मां को सजाना एक खास अनुभव होता है, क्योंकि उनकी नजर में कोई और महिला अपनी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं होती।
अगर हम बात करें कृति के काम की, तो उन्होंने हाल ही में ‘कॉकटेल-2’ की इटली में शूटिंग का शेड्यूल पूरा किया है। उन्होंने इटली को अलविदा कहते हुए कई तस्वीरें भी साझा की थीं। इस फिल्म में कृति के साथ रश्मिका मंदाना और शाहिद कपूर भी हैं। फिल्म का निर्देशन होमी अदजानिया कर रहे हैं। यह फिल्म 2012 में आई दीपिका पादुकोण, सैफ अली खान और डायना पैंटी की ‘कॉकटेल’ का सीक्वल है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की थी।
इसके अलावा, कृति और धनुष की फिल्म ‘तेरे इश्क में’ 28 नवंबर को हिंदी और तमिल में रिलीज होने वाली है। यह फिल्म रोम-कॉम से भरी हुई है, जिसमें इश्क, जूनून और तड़प का वर्णन है। फिल्म का टीजर बहुत ही प्रॉमिसिंग है, जिसमें धनुष ने अपने रांझणा वाले चंदन के रोल को भी बखूबी निभाया है। टीजर की शुरुआत कृति की हल्दी से होती है, और धनुष आकर कृति को गंगाजल देते हैं और कहते हैं, "अपने बाप का अंतिम संस्कार करने बनारस गया था, सोचा तेरे लिए भी गंगाजल ले आऊं, लेकिन तू तो नई जिंदगी की शुरुआत कर रही है, पहले पिछले पाप तो धो ले।"