क्या पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका?

सारांश
Key Takeaways
- कुलतार सिंह संधवा ने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका।
- उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए प्रार्थना की।
- कुंवर विजय प्रताप को पार्टी से निलंबित किया गया।
- स्वर्ण मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता है।
- राजनीतिक मुद्दों पर चुप्पी का महत्व।
अमृतसर, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने रविवार को सचखंड श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में जाकर मत्था टेका और मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "आज हमें उनके दिव्य दर्शन का अवसर मिला, इसके लिए हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। साथ ही, हमें संगत के दर्शन करने का भी अवसर मिला।" श्री हरमंदिर साहिब को दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
कुलतार सिंह संधवा ने यह भी बताया कि श्री गुरु रामदास के आगामी शहीदी दिवस और अमृतसर शहर की स्थापना के शताब्दी समारोह को लेकर धार्मिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों से मिलकर बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने वाहेगुरु के दर्शन के लिए आभार भी व्यक्त किया।
विधानसभा स्पीकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "हमने पंजाब और देश की मानवता के कल्याण और कला की उन्नति के लिए प्रार्थना की है।" जब उनसे विधायक कुंवर विजय प्रताप के पार्टी से निलंबन के विषय में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक मुद्दे स्पीकर के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं है।
यह ध्यान देने योग्य है कि आम आदमी पार्टी ने पहले अपने विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पांच साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। वह अमृतसर नॉर्थ से विधायक हैं।
कुंवर विजय प्रताप सिंह का मूल स्थान बिहार है। वे पंजाब कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं और अमृतसर जोन के सीमावर्ती जिलों में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति पदक प्राप्त कर चुके हैं।