क्या अयोध्या की यज्ञशाला में कुवैत से आए भक्तों ने भक्ति का रंग बिखेरा?

सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या की यज्ञशाला में कुवैत से आए भक्तों का कार्यक्रम एक सांस्कृतिक अनुभव था।
- कार्यक्रम में वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति गीतों का समावेश था।
- समस्त श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम का चित्र भेंट किया गया।
- यह आयोजन अयोध्या की आस्था और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है।
- राममंदिर में दर्शन हेतु भक्तों की भीड़ निरंतर बढ़ रही है।
अयोध्या, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रीराम जन्मभूमि परिसर की पावन यज्ञशाला आज भक्ति, संस्कृति और सौहार्द की त्रिवेणी में नहाई रही, जब कुवैत निवासी तमिलनाडु के वेंकट कृष्णा के नेतृत्व में 139 श्रद्धालुओं की टोली ने एक भावपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित जनों को भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति गीतों के साथ हुई, जो प्रथम बेला में करीब तीन घंटे चला। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा और एसपी सुरक्षा बलरामाचार्य दुबे को वेंकट कृष्णा ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। ट्रस्ट की ओर से सभी श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम का चित्र भी भेंट स्वरूप दिया गया।
आयोजन सहयोगी शैलेन्द्र शुक्ल ने बताया कि यह पूरी प्रस्तुति श्रद्धा और संस्कृति की साझी अभिव्यक्ति थी, जिसमें भारत की विविधता और रामभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम के उपरांत सभी आगंतुकों ने श्रीराम लला के दर्शन कर पूजन संपन्न किया। यह आयोजन केवल सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का मंच नहीं रहा, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा का साक्षी बना, जिसने देश-विदेश से आए राम भक्तों को अयोध्या की दिव्यता से जोड़ दिया।
ज्ञात हो कि अयोध्या में राममंदिर सावन के माह में भक्त लगातार रामलला के दर्शन के लिए लालायित नजर आ रहे हैं। जो भी भक्त बाहर से बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आ रहा है, वो विंध्याचल और अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही यहां कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है। श्रद्धालु सरयू का जल लेने आ रहे हैं।
रामनगरी आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन गई है। यहां देश विदेश से लोग दर्शन को आ रहे हैं। यहां पर बड़ी राजनीतिक हस्तियों के साथ बॉलीवुड के सितारे, खेलकूद जगत की हस्तियां भगवान राम की शरण में आ चुकी हैं।