क्या आज उन लोगों को याद करने का दिन है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया? : नसीम खान

सारांश
Key Takeaways
- आज का दिन स्वतंत्रता के नायकों को याद करने का है।
- प्रधानमंत्री मोदी को अपने वादों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- केंद्र सरकार को घुसपैठियों के मुद्दे पर जवाबदेह होना चाहिए।
- नसीम खान ने मोदी सरकार के अधूरे वादों पर सवाल उठाए।
- सभी को अच्छे कार्यों के लिए श्रेय लेना चाहिए।
मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नसीम खान ने गुरुवार को कहा कि आज का दिन उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने का है, जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपनी जान और धन न्योछावर कर दिया। यह दिन हमारे लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। आज ही के दिन हमें गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति मिली थी। इसके बाद से हमारे देश की विकास यात्रा की शुरुआत हुई, जो आज भी जारी है। उत्तर भारत संघ ने उन सभी लोगों को सम्मानित किया है, जिन्होंने स्वतंत्रता की दिशा में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ किए जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अब उनकी मजबूरी बन चुकी है, क्योंकि संघ द्वारा लगातार केंद्र सरकार की आलोचना की जा रही है। इससे बचने के लिए प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से संघ की प्रशंसा की है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि यदि देश में घुसपैठियों की संख्या बढ़ रही है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की बनती है। लेकिन, अफसोस है कि सरकार इस जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है, जो अस्वीकार्य है। भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी घुसपैठिया उनकी सीमाओं में प्रवेश न कर सके।
उन्होंने कहा कि 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वादे किए थे, जिनमें किसानों की समस्याओं का समाधान, महंगाई पर नियंत्रण और सुशासन की स्थापना शामिल थे। लेकिन, इतने वर्षों में केंद्र सरकार ने इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि काला धन वापस लाने, 15 लाख रुपये हर खाते में डालने और सभी को नौकरी देने का वादा भी अब तक अधूरा है। ऐसे में जनता यह जानना चाहती है कि ये वादे कब पूरे होंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने अधूरे वादों का जिक्र नहीं कर रही है और अब जनता सब कुछ समझ चुकी है। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री को इन सवालों का जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
नसीम खान ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री मोदी श्रेय लेना चाहते हैं, तो उन्हें अच्छे कार्यों के माध्यम से यह करना चाहिए, जैसे युवाओं को रोजगार देना और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ कदम उठाना। हमें कोई आपत्ति नहीं है कि प्रधानमंत्री श्रेय लें, लेकिन यह श्रेय अच्छे कार्यों के लिए होना चाहिए।