क्या आप पीसीओडी से परेशान हैं? जानिए इन आयुर्वेदिक उपायों के लाभ

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क्या आप पीसीओडी से परेशान हैं? जानिए इन आयुर्वेदिक उपायों के लाभ

सारांश

क्या आप पीसीओडी से जूझ रहे हैं? जानिए कैसे आयुर्वेदिक उपाय आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे संतुलित जीवनशैली और आयुर्वेदिक औषधियाँ पीसीओडी में मदद कर सकती हैं।

Key Takeaways

  • पीसीओडी एक सामान्य हार्मोनल विकार है।
  • आयुर्वेदिक उपाय इसे नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
  • संतुलित आहार और जीवनशैली में सुधार आवश्यक है।
  • ध्यान और योग तनाव को कम करते हैं।
  • हर व्यक्ति की समस्या अलग होती है, इसलिए वैद्य की सलाह लें।

नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इस हार्मोनल विकार में महिलाओं के अंडाशय में कई छोटे सिस्ट विकसित होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह केवल अंडाशय की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे शरीर में हार्मोनल और पाचन असंतुलन का संकेत है।

आयुर्वेद इसे आर्तवदुष्टि और ग्रन्थिशोथ के रूप में व्याख्यायित करता है, जिसमें कफ का बढ़ना अंडाशय में रुकावट और सूजन उत्पन्न करता है, जबकि पित्त का असंतुलन हार्मोन में गड़बड़ी करता है। इसलिए, उपचार का मुख्य उद्देश्य सिस्ट को कम करना नहीं, बल्कि शरीर को आंतरिक रूप से संतुलित करना होता है।

आयुर्वेद में कहा गया है कि जब दोष संतुलित होते हैं, तब मासिक धर्म स्वस्थ रहता है। इसलिए, किसी भी उपचार से पहले पाचन को सुधारना, अग्नि को मजबूत करना और हार्मोन को नियमित करना आवश्यक है।

पीसीओडी के लिए कई आयुर्वेदिक औषधियाँ लाभकारी हो सकती हैं, जैसे कि कांचनार गुग्गुल, जो अंडाशय की सूजन और सिस्ट को कम करता है। अशोकारिष्ट और लोध्रासव मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होते हैं और गर्भाशय को मजबूत बनाते हैं।

शतावरी और अश्वगंधा हार्मोनल संतुलन और तनाव नियंत्रण में सहायक माने जाते हैं, जबकि त्रिफला और गिलोय शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं और सूजन को कम करते हैं। हालाँकि, इनका सेवन वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति की प्रकृति और समस्या भिन्न होती है।

आहार पीसीओडी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हल्का, सुपाच्य और फाइबर से भरपूर भोजन जैसे मूंग की दाल, जौ, हरी सब्जियाँ और सूप लें। सुबह खाली पेट गुनगुना नींबू-शहद पानी लेना फायदेमंद हो सकता है। चीनी, तले-भुने और जंक फूड से परहेज करें। हर भोजन में थोड़ा अदरक या त्रिकटु शामिल करने से पाचन में सुधार होता है। इसके साथ ही पर्याप्त पानी, हर्बल चाय, समय पर भोजन और सही नींद पीसीओडी में सहायक होते हैं।

जीवनशैली में सुधार भी उतना ही जरूरी है। रोज़ 30–45 मिनटतनाव पीसीओडी का एक बड़ा कारण है, इसलिए रोज़ कुछ मिनट ध्यान करना आवश्यक है।

Point of View

बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसके लिए संतुलित आहार, जीवनशैली में सुधार, और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग आवश्यक है। यह एक सामाजिक समस्या है, जिसे समझना और सही तरीके से निपटना आवश्यक है।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

पीसीओडी क्या है?
पीसीओडी एक हार्मोनल विकार है जिसमें महिलाओं के अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं।
आयुर्वेद में पीसीओडी का इलाज कैसे किया जा सकता है?
आयुर्वेद में कई औषधियाँ और उपाय हैं, जैसे कांचनार गुग्गुल, अशोकारिष्ट, और संतुलित आहार।
क्या पीसीओडी का कोई स्थायी इलाज है?
पीसीओडी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन उचित देखभाल और उपचार से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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