क्या रक्षा मंत्री के पास इतनी हिम्मत थी तो एशिया कप पाकिस्तान के साथ क्यों खेला?

सारांश
Key Takeaways
- राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है।
- शमा मोहम्मद ने एशिया कप पर सवाल उठाया है।
- राजनीति में बयानों और क्रियाकलापों के बीच संतुलन होना जरूरी है।
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विजयादशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान कोई हिमाकत करेगा तो उसका इतिहास और भूगोल बदलने में देर नहीं लगेगी। इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि यदि ऐसा है तो एशिया कप नहीं खेलना चाहिए था।
शमा मोहम्मद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान दुखद है, यह केवल बोल बच्चन है। यदि आप इतनी चेतावनी दे रहे हैं, तो फिर आपने उनके साथ क्रिकेट क्यों खेला? क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए था। हमें याद है कि पहलगाम के पीड़ित परिवार ने क्या कहा था, यह एशिया कप मत खेलो।"
उन्होंने कहा कि आईसीसी के चेयरपर्सन जय शाह हैं, उन्हें तो पाकिस्तान को एशिया कप से बाहर करने की क्षमता है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कुछ नहीं किया। जब पैसा आता है, तो शहीद हुए जवानों को याद नहीं किया जाता। पैसा मिलने पर यह सब भुला दिया जाता है। इसलिए राजनाथ सिंह को कहना चाहिए कि वे क्रिकेट के माध्यम से ही समाधान खोज लें।
शमा मोहम्मद ने कहा कि केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए। भाजपा सरकार के 11 वर्षों में बीएसएफ उनके अधीन आती है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेज का काम है कि घुसपैठियों को रोका जाए। वे बार-बार घुसपैठियों के बारे में बात कर रहे हैं। शायद वे अपनी आलोचना कर रहे हैं कि वे घुसपैठियों को रोक नहीं पा रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल संबंधी बयान पर शमा मोहम्मद ने कहा कि मोहन भागवत एक सामाजिक संगठन के अध्यक्ष हैं। उन्हें यहाँ के स्कूल, पाठशाला, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा के मुद्दों पर बात करनी चाहिए।