क्या बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है? : पूर्व राजनयिक केपी फेबियन

Click to start listening
क्या बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है? : पूर्व राजनयिक केपी फेबियन

सारांश

क्या बांग्लादेश अपनी समस्याओं को और बढ़ाने का प्रयास कर रहा है? जानिए पूर्व राजनयिक केपी फेबियन की राय और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर उनके विचार। हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता की पृष्ठभूमि में, यह बातचीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में हिंसा बढ़ रही है।
  • भारत के साथ संबंध बिगड़ते जा रहे हैं।
  • बांग्लादेश हाई कमीशन में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
  • शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद पाकिस्तान के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं।
  • भारत को कूटनीतिक पहल करनी चाहिए।

नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में जारी हिंसा और अराजकता का गहरा प्रभाव भारत के साथ इसके संबंधों पर पड़ता नजर आ रहा है। समय के साथ यहाँ की स्थिति और भी बिगड़ रही है। शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद, बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में नजदीकियां बढ़ गई हैं। इस मुद्दे पर भारत के पूर्व राजनयिक केपी फेबियन ने राष्ट्र प्रेस से विशेष चर्चा की।

केपी फेबियन ने कहा, "दुर्भाग्य से, बांग्लादेश में अफरा-तफरी और अराजकता बढ़ रही है। दूसरी ओर, भारत के साथ संबंध बिगड़ते जा रहे हैं। हाल में, शायद २० दिसंबर को, बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने एक प्रदर्शन हुआ था और दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की थी, जिससे हाई कमीशन को कोई खतरा नहीं हुआ। लेकिन, उन्होंने भारतीय हाई कमिश्नर को बुलाकर अपना विरोध दर्ज कराया।"

उन्होंने आगे कहा, "सही बात यह होती कि भारतीय हाई कमिश्नर को बुलाना उचित होता। उन्हें कहना चाहिए था, 'हम दिल्ली पुलिस के कार्य की सराहना करते हैं और हम अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आप पर भरोसा करते हैं,' लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने विरोध किया। इसके बाद, बांग्लादेश में वीजा जारी करने वाले भारतीय मिशन को खतरा उत्पन्न हुआ और भारत ने वीजा जारी करना रोक दिया। बांग्लादेश हाई कमीशन ने भी कहा कि वे इसे रोक देंगे। इसका अर्थ है कि वे टकराव की स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं।"

फेबियन ने कहा, "बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने कलकत्ता, जम्मू और कश्मीर, बैंगलुरू और अन्य स्थानों पर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जो हिंसक हो सकता था। दिल्ली पुलिस ने सुनिश्चित किया कि हाई कमीशन या डिप्लोमैट्स को कोई नुकसान न हो। अब, बांग्लादेश में विदेश सचिव का कहना है कि वे भारत में अपने मिशन को घटाने की योजना बना रहे हैं। अगर वे ऐसा करते हैं, तो भारत भी बांग्लादेश में अपने मिशन को घटा सकता है। इसका मतलब यह है कि, समस्या को हल करने के बजाय, बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है, जो कि बहुत दुखद है।"

उन्होंने यह भी कहा कि मेरा सवाल यह है कि भारत, एक बड़ा देश होने के नाते, संबंध सुधारने के लिए किस हद तक पहल कर रहा है? हम कूटनीतिक दृष्टिकोण से क्या कर रहे हैं? मैंने पढ़ा कि यूनुस, अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल पुरस्कार विजेता, ने भारत में नियुक्त अमेरिकी राजदूत के साथ लंबी बातचीत की। निश्चित रूप से, उनकी जिम्मेदारी भारत से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। सवाल यह भी है कि हमारा हाई कमिश्नर क्या कर रहा है? क्या वह अंतरिम सरकार के संपर्क में है?

पूर्व राजनयिक ने कहा, "मैंने कहीं पढ़ा कि चीनी राजदूत ढाका यूनिवर्सिटी गए थे, जहाँ हादी को दफनाया गया था। उन्होंने एक इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने के लिए धन देने की पेशकश की। हमें यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान और चीन, संभवतः मिलीभगत में, भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्तों को खराब करने में जुटे हुए हैं और हमें तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।"

उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले, जब शेख हसीना को यहाँ शरण दी गई थी, तब मैंने कहा था कि हालात और भी बिगड़ सकते हैं, क्योंकि हम उन्हें शरण दे रहे हैं, और अब वह बयान दे रही हैं। यह आवश्यक है कि भारत बांग्लादेश को सुझाव देने के लिए कूटनीतिक पहल करे।

Point of View

भारत को बांग्लादेश के साथ संबंधों में सुधार के लिए कूटनीतिक पहल करनी होगी। यह आवश्यक है कि हम हिंसा और अराजकता की पृष्ठभूमि में स्थिति को संभालें और एक स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएं।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता की स्थिति बढ़ रही है, जो भारत के साथ उसके संबंधों पर प्रभाव डाल रही है।
क्या बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं?
हाँ, शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच संबंधों में नजदीकियां बढ़ी हैं।
पूर्व राजनयिक केपी फेबियन का क्या कहना है?
केपी फेबियन ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश समस्या को बढ़ाने वाला तरीका अपना रहा है।
Nation Press