क्या भाषा विवाद की असली वजह बीएमसी चुनाव हैं? केशव उपाध्याय ने क्या कहा?

सारांश
Key Takeaways
- भाषा विवाद का राजनीतिक कारण है।
- केशव उपाध्याय ने बीएमसी चुनाव का उल्लेख किया।
- संजय राउत की आलोचना की गई।
- पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया गया।
- गैंगरेप मामले में कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता।
मुंबई, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में इन दिनों भाषा विवाद की चर्चा जोरों पर है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की है। उनके अनुसार, यह सब कुछ बीएमसी चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
उपाध्याय ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत द्वारा केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने के आरोपों को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा, "इनका मराठी भाषा से कोई संबंध नहीं है। ये लोग केवल अपने स्वार्थ के बारे में सोचते हैं। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने राज्य में उर्दू भवन का निर्माण कराया था, लेकिन ये लोग मराठी भाषी की गरिमा को बनाए रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाते। आज ये लोग किस आधार पर मराठी भाषा की बात कर रहे हैं?"
उपाध्याय ने यह भी सवाल उठाया कि जब मराठी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घट रही थी और लोगों का मराठी भाषा के प्रति लगाव कम हो रहा था, तब इन लोगों का मराठी प्रेम कहाँ गया?
उन्होंने स्पष्ट किया, "बीएमसी चुनाव को देखते हुए ये लोग मराठी भाषा का दांव चला रहे हैं। लेकिन, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि प्रदेश की जनता इस बार विकास के नाम पर वोट देने वाली है।"
भाजपा नेता ने कोलकाता के लॉ कॉलेज में एक छात्र के साथ दुष्कर्म की घटना पर पश्चिम बंगाल सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वहां की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। यह दुखद है कि पश्चिम बंगाल की पहचान अब ऐसे मामलों से जुड़ गई है। ऐसे मामलों में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।"
गैंगरेप मामले में तीन आरोपियों मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद, और प्रमित मुखर्जी को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मनोजीत मिश्रा का संबंध तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से बताया गया है। चौथे आरोपी पिनाकी बनर्जी (जो एक कॉलेज गार्ड है) को भी गिरफ्तार किया गया है।