क्या भाजपा 2027 में पंजाब विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी? अश्विनी शर्मा
सारांश
Key Takeaways
- 2027 का विधानसभा चुनाव पंजाब में महत्वपूर्ण है।
- भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ने का निर्णय ले चुकी है।
- आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दे प्रमुख बने हुए हैं।
- पंजाब की राजनीतिक स्थिति में बदलाव की संभावना है।
चंडीगढ़, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बीच, पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव को अपने दम पर अकेले लड़ेगी।
उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ठप हो गई है।
शर्मा ने कहा कि 2022 में पंजाब में सरकार बनाने के बाद जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने नगर निगम और नगर परिषद चुनावों में अपने मेयर और अध्यक्ष बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल किया, अब वही स्थिति जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों में भी देखने को मिल रही है।
उन्होंने चंडीगढ़ में राज्य चुनाव समिति की बैठक से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपने बेतुके बयानों से लोगों का ध्यान भटका रही है।
अश्विनी शर्मा ने कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को 2027 के विधानसभा चुनावों के नतीजों का पहले ही अंदाजा हो गया है, इसीलिए घबराहट में वह जनता का ध्यान भटकाने के लिए बेबुनियाद बयान दे रही है।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या राज्य में कानून व्यवस्था को कंट्रोल किया जा सका है? क्या ड्रग्स माफिया और गैंगस्टर खत्म हो गए हैं? और क्या किसानों, मजदूरों और महिलाओं से किए गए वादे पूरे हुए हैं?
शर्मा ने कहा कि आप सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल के राज से देश में जो माहौल बना है, उससे पंजाब के लोगों में उम्मीद और भरोसे की भावना पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाबी ड्रग्स का खात्मा, गैंगस्टरों का खात्मा, कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और हरियाणा की तरह फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी चाहते हैं।
शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने पठानकोट से फाजिल्का तक गैर-कानूनी माइनिंग का पर्दाफाश किया था, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न तो कोई कार्रवाई की और न ही पब्लिक में कोई सफाई दी।
उन्होंने कहा, "यह साफ दिखता है कि आप सरकार के लिए प्राथमिकता पंजाब नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल को खुश करना है।"