क्या भाजपा कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश कर रही है? : तेजस्वी यादव

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क्या भाजपा कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश कर रही है? : तेजस्वी यादव

सारांश

तेजस्वी यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की योजना बना रही है। उन्होंने आंकड़ों के जरिए यह दिखाने की कोशिश की है कि यदि ऐसा हुआ तो बिहार का लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • बिहार में 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं।
  • भाजपा कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश कर रही है।
  • 2015 और 2020 में हार-जीत की सीटों का आंकड़ा बढ़ा है।
  • विपक्ष इस मुद्दे पर सख्त प्रतिक्रिया दे रहा है।
  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी को सतर्क रहना होगा।

पटना, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बार फिर आंकड़ों के माध्यम से आरोप लगाया कि पिछले चुनाव में कम अंतर से हार और जीत वाली सीटों पर वोटों को छांटने की कोशिश की जा रही है।

तेजस्वी यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "वे लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे।" उन्होंने कहा, "बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। अगर भाजपा के निर्देश पर एक प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है, तो लगभग 7 लाख 90 हजार मतदाताओं के नाम कट जाएंगे।"

उन्होंने आगे लिखा, "अगर हम इस एक प्रतिशत, यानी 7 लाख 90 हजार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों में बांटते हैं, तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा। बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ हैं और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ हैं। अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे, तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जाएंगे।"

तेजस्वी यादव ने कहा, "पिछले दो विधानसभा चुनावों में क्लोज़ मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें, तो 2015 में 3000 से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 15 सीटें थीं, जबकि 2020 में ऐसी 35 सीटें थीं। अगर 5000 से कम अंतर वाली सीटों की बात करें, तो 2015 में 32 और 2020 में 52 सीटें थीं।"

उन्होंने आरोप लगाया कि "चुनाव आयोग के माध्यम से भाजपा का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ये लोग चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से वोट छांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम सब सतर्क हैं। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।"

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद महत्वपूर्ण हैं। किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा मतदाता सूची में छेड़छाड़ की कोशिश लोकतंत्र के लिए खतरा है। सभी दलों को मिलकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों पर वोट छांटने की कोशिश कर रही है।
बिहार में मतदाताओं की कुल संख्या क्या है?
बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में हार-जीत का क्या आंकड़ा है?
2015 में 15 सीटें और 2020 में 35 सीटें कम अंतर से हार-जीत वाली थीं।